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लखनऊ

योगी कैबिनेट 2.0 में अन्य दलों से आए करीब 50 फीसद नेता बने मंत्री, भाजपा काडर से दूरी मजबूरी या दूरदृष्टिता

Yogi cabinet 2.0 योगी सरकार 2.0 में योगी आदित्यनाथ सहित 53 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है। पर ताज्जुब है योगी सरकार की टीम में करीब आधे मंत्री भाजपा वर्कर न होकर दूसरी पार्टी से आए नेता हैं। अगर देखा जाएं तो कुछ ने तो वर्ष 2014 में भाजपा का साथ पकड़ा तो कुछ हाल में भगवा के रंग में रंगे हैं।

लखनऊMar 27, 2022 / 05:46 pm

Sanjay Kumar Srivastava

योगी कैबिनेट 2.0 में अन्य दल के हैं करीब 50 फीसद मंत्री, मजबूरी या दूरदृष्टिता

योगी कैबिनेट 2.0 में अन्य दल के हैं करीब 50 फीसद मंत्री, मजबूरी या दूरदृष्टिता

योगी सरकार 2.0 में योगी आदित्यनाथ सहित 53 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है। पर ताज्जुब है योगी सरकार की टीम में करीब आधे मंत्री भाजपा वर्कर न होकर दूसरी पार्टी से आए नेता हैं। अगर देखा जाएं तो कुछ ने तो वर्ष 2014 में भाजपा का साथ पकड़ा तो कुछ हाल में भगवा के रंग में रंगे हैं। बताया जा रहा है कि जातिगत और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व के समीकरण की तालमेल बिठाने के चक्कर में निष्ठावान कार्यकर्ताओं को नुकसान झेलना पड़ रहा है। अगर बात 2017 की करें तो इस बार तो भाजपा काडर की स्ट्रेंथ घटकर आधी से भी कम हो गई है।
भाजपा काडर के सिर्फ 7 कैबिनेट मंत्री

यूपी कैबिनेट की कमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथ में है। उनको दो सहयोगी मिले है डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या व डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक। इसके बाद 16 कैबिनेट मंत्री, 14 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 20 राज्य मंत्री बने हैं।
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पन्ने पलटते खुल जाएगा राज

अब अगर पन्ने पलट कर 2017 में जाएं तो पता चलेगा कि, उस वक्त टीम योगी छोटी (45) थी पर 22 कैबिनेट मंत्री थे। इस बार 16 कैबिनेट मंत्री हैं। जिनमें सात मंत्री सूर्य प्रताप शाही, सुरेश कुमार खन्ना, स्वतंत्र देव सिंह, बेबी रानी मौर्या, धरमपाल सिंह, भूपेंद्र सिंह चौधरी और योगेंद्र उपाध्याय लंबे समय से पार्टी कार्यकर्ता या संघ परिवार से जुड़े हैं। 2017 में 22 कैबिनेट मंत्रियों में से 16 नेता इस श्रेणी में आते थे।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक थे बसपाई

अब बाकी बचे 9 कैबिनेट मंत्रियों पर नजर डालें तो आशीष पटेल (अपना दल), संजय निषाद (निषाद पार्टी) से आते हैं। बचे सात नेता चौधरी लक्ष्मी नारायण, जयवीर सिंह, जितिन प्रसाद, राकेश सचान, नंद गोपाल गुप्ता नंदी, अरविंद कुमार शर्मा और अनिल राजभर ने 2015 के बाद भाजपा में शामिल हुए। जितिन प्रसाद, राकेश सचान तो ताजे – ताजे भाजपाई हुए हैं। एक डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक तो एक जमाने में कट्टर बसपाई थे। 2017 में दोनों डिप्टी सीएम पक्के भाजपाई व संघ कार्यकर्ता थे।
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बाहरी नेता किस्मत के हैं धनी

योगी सरकार 2.0 के कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह, नंद गोपाल गुप्ता तो बसपा सरकार में भी मंत्री थे। रही बात लक्ष्मी नारायण की तो यह लोक दल, कांग्रेस में भी रहे हैं। इन सभी ने हवा का रुख देखते हुए वर्ष 2015 में भगवा साफा पहन लिया।
कई पुराने नेता कैबिनेट लिस्ट से गायब

बाहरी दलों को छोड़कर भाजपा में आए नेताओं की किस्मत बहुत बलवती है। सात गैर-भाजपा काडर के नेता इस बार मंत्री बने हैं वे 2017 में भी योगी सरकार 1.0 में शामिल थे। पर भाजपा के लिए लंबे समय से काम कर रहे सिद्धार्थ नाथ सिंह, श्रीकांत शर्मा और आशुतोष टंडन का नाम इस बार कैबिनेट लिस्ट से गायब रहा है।
मंत्रिमंडल गठन में सब देखना जरूरी

भाजपा के एक एक बड़े नेता ने एक अखबार पूछने पर अपनी सफाई में कहाकि, कई फैक्टर्स को देखना होता है। जाति, सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखकर मंत्रिमंडल का गठन करना पड़ता है।
भाजपा का मिशन 2024

लोकसभा चुनाव 2024 करीब हैं। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं। तो भाजपा ने जो नया फार्मूला इजाद किया है, उसके तहत युवा और अनुभवी नेताओं को हमकदम बनाया जा रहा है। योगी कैबिनेट 2.0 में 36 मंत्रियों की उम्र 40-60 के बीच है, जबकि दो की उम्र 40 से कम है। और 12 की उम्र 60 साल से अधिक है।
जातिवार प्रतिनिधित्व

अब अगर जातिवार, भौगोलिक प्रतिनिधित्व के आधार पर नई कैबिनेट पर नजर डालेंगे तो पता चलेगा कि, 19 ओबीसी मंत्री, ठाकुर और ब्राह्मण सात-सात, 8 दलित, 4 वैश्य के अलावा एक मुस्लिम और एक सिख भी हैं।
भौगोलिक प्रतिनिधित्व

भौगोलिक प्रतिनिधित्व के लिए, इस बार पश्चिमी यूपी से 23 मंत्री हैं, जो पिछले मंत्रिमंडल से 12 अधिक हैं। पूर्वी उप्र से 14 मंत्री हैं जो पिछली सरकार से तीन कम है। राज्य के मध्य भाग से 12 मंत्री बनाये गये हैं जो कि पिछली बार से एक कम है।

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