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लखनऊ

World Toilet Day 2024: लखनऊ में स्वच्छता को लेकर राष्ट्रीय ज्ञान कार्यशाला का शुभारंभ

World Toilet Day: विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता, सुरक्षा और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए दो दिवसीय राष्ट्रीय ज्ञान कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य स्वच्छता संकट से निपटने और सुरक्षित शौचालयों तक पहुंच बढ़ाने के लिए भारत के समर्पण को उजागर करना है।

लखनऊNov 19, 2024 / 09:16 pm

Ritesh Singh

Swachh Bharat Mission

Swachh Bharat Mission

 World Toilet Day 2024: विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर लखनऊ के द सेन्ट्रम होटल में स्वच्छता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दो दिवसीय राष्ट्रीय ज्ञान कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता, जल प्रबंधन, और सार्वजनिक शौचालयों की प्रबंधन व्यवस्था को बेहतर बनाना है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय शहरी कार्य मंत्रालय के राज्यमंत्री तोखन साहू, प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा, राज्य मंत्री राकेश राठौर, और भारत में अमरीकी राजदूत एच. ई. एरिक गार्सेटी सहित कई प्रमुख नेता उपस्थित रहे।

कार्यशाला का उद्देश्य और लक्ष्य

इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शहरी स्वच्छता की दिशा में भारत की प्रगति को बढ़ावा देना, स्वच्छता अभियान 2.0 के तहत आम नागरिकों के बीच स्वच्छता को लेकर जागरूकता फैलाना, और सुरक्षित, सुलभ, और समावेशी शौचालयों के निर्माण एवं प्रबंधन की दिशा में नवाचारों पर चर्चा करना था।
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केंद्रीय शहरी कार्य मंत्रालय के मंत्री तोखन साहू ने इस अवसर पर स्वच्छ भारत मिशन की सफलता की चर्चा करते हुए बताया कि 2014 में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में शुरू हुए स्वच्छ भारत मिशन ने खुले में शौच (Open Defecation Free – ODF) को खत्म करने की दिशा में ऐतिहासिक काम किया है। इसके परिणामस्वरूप ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शौचालयों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है और स्वच्छता की स्थिति में सुधार हुआ है।

स्वच्छता अभियान की सफलता

कार्यशाला में मंत्रीगण ने स्वच्छ भारत मिशन (SBM 2.0) के तहत हुए प्रमुख कार्यों की जानकारी दी। भारत सरकार के द्वारा संचालित क्लीन टॉयलेट अभियान ने पिछले वर्षों में कूड़ा प्रबंधन, जल प्रबंधन, और स्वच्छ शौचालयों के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया है। इसके अलावा, ओडीएफ प्लस और वॉटर प्लस जैसे कार्यक्रमों के तहत शहरी क्षेत्रों में सीवर कनेक्शनों और जल पुनर्चक्रण का भी महत्व बढ़ा है।
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भारत में, 2024 तक सभी राज्यों में शहरी क्षेत्रों को कूड़ा मुक्त बनाने और स्वच्छता को बनाए रखने का लक्ष्य है। इसके अंतर्गत डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण व्यवस्था, सार्वजनिक शौचालयों की सफाई, और सुरक्षित जल प्रबंधन को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार काम हो रहा है।

साफ़ सफाई कर्मियों की सुरक्षा और सम्मान

इस अवसर पर, स्वच्छता कर्मियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया गया। नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा ने कहा कि सफाई कार्यों में लगे कर्मचारियों को स्वच्छता किट, स्वास्थ्य जांच, और सुरक्षा उपकरण प्रदान किए जा रहे हैं ताकि वे अपने कार्यों को सुरक्षित रूप से कर सकें। इसके अलावा, सफाई कर्मियों की सामाजिक स्थिति में सुधार और उनके बच्चों के लिए शिक्षा की बेहतर व्यवस्था की जा रही है।

अंतर्राष्ट्रीय सहयोग

अमेरिकी राजदूत एच. ई. एरिक गार्सेटी ने भी अपने संबोधन में कहा कि स्वच्छता केवल एक राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है, बल्कि यह वैश्विक चुनौती भी है। उन्होंने भारत-अमेरिका सहयोग की सराहना की और कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत दोनों देशों का उद्देश्य सुरक्षित शौचालयों की उपलब्धता, जल प्रबंधन और सीवेज सिस्टम की सुधार के लिए काम करना है।

विश्व शौचालय दिवस का महत्व

हर साल 19 नवम्बर को मनाया जाने वाला विश्व शौचालय दिवस (World Toilet Day) का उद्देश्य स्वच्छता संकट के समाधान के लिए वैश्विक एकजुटता और कार्रवाई को प्रेरित करना है। इस दिन का प्रमुख उद्देश्य सुरक्षित शौचालयों तक पहुँच, स्वच्छता कर्मियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य, और सतत जल प्रबंधन की प्रथाओं को बढ़ावा देना है।
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स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (SBM-U) ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। 2024 में, SBM 2.0 के तहत, शहरी स्वच्छता में सुधार के लिए नवीनतम पहल की जा रही हैं, जिसमें पानी का पुनर्चक्रण, सार्वजनिक शौचालयों की डिज़ाइन, और शौचालय ट्रैकर सिस्टम जैसी प्रौद्योगिकियों का समावेश है।

कार्यशाला में हुई प्रमुख घोषणाएं

इस दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गईं, जिनमें हिंदुस्तान यूनिलीवर और भारत सरकार के शहरी कार्य मंत्रालय के बीच दो एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। पहला एमओयू कम्यूनिटी टॉयलेट निर्माण और दूसरा हाई फुटफॉल क्षेत्रों में शुलभ इंटरनेशनल टॉयलेट्स बनाने से संबंधित था। इसके अलावा, कार्यशाला के समापन के दौरान स्वच्छता पब्लिकेशन की एक नई श्रृंखला भी जारी की गई, जिसमें सार्वजनिक शौचालयों के रख-रखाव और नवीन डिज़ाइनों पर प्रकाशन किया गया।

समाप्ति और भविष्य की दिशा

कार्यशाला में भारत सरकार की सफलता, उसकी स्वच्छता पहलों, और स्वच्छ भारत मिशन-2.0 की दिशा पर चर्चा की गई। यह कार्यक्रम इस बात का उदाहरण है कि कैसे स्वच्छता को लेकर समाज और सरकार एक साथ मिलकर काम कर सकते हैं।
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यह कार्यशाला भविष्य में समान और समावेशी शहरी समुदायों के निर्माण में सहायक सिद्ध होगी, जो स्वच्छता के माध्यम से नागरिकों की जीवन गुणवत्ता को सुधारने के लिए एक मजबूत कदम साबित होगी।

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