मुख्यमंत्री ने कहा कि नाइट सफारी का निर्माण कार्य जून 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा, और इसके लिए वन्य जीवों को लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इस सफारी को पर्यावरणीय दृष्टिकोण से एक सस्टेनेबल मॉडल पर विकसित किया जाएगा। इसमें 72 प्रतिशत क्षेत्र में हरियाली का विकास किया जाएगा और सौर ऊर्जा के प्रकल्प भी स्थापित किए जाएंगे।
कुकरैल नाइट सफारी का निर्माण राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसके लिए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से अनुमति मिल चुकी है। यह नाइट सफारी डे और नाइट सफारी के संयोजन से चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए इसे अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर शामिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने इस परियोजना के तहत कुकरैल नाइट सफारी के इको टूरिज्म जोन और एडवेंचर जोन के विकास पर जोर दिया। इसमें पर्यटकों के लिए सुपरमैन जिपलाइन, आर्चरी, जिप लाइन, बुरमा ब्रिज, पैडल बोट, स्काई राइड्स, किड्स एक्टिविटी ज़ोन, फाउंटेन और अन्य रोमांचक सुविधाएं होंगी।
कुकरैल नाइट सफारी की विशेषताए
विविध थीम क्षेत्रों का निर्माण नाइट सफारी के प्रमुख आकर्षणों में एशियाटिक लॉयन, बंगाल टाइगर, तेंदुआ, हॉयना, उड़न गिलहरी, घड़ियाल और अन्य वन्य जीव होंगे। इसके साथ ही, यह सफारी ट्रामवे और पाथवे के माध्यम से पर्यटकों को वन्य जीवन का अवलोकन करने का अद्वितीय अनुभव प्रदान करेगा। नाइट सफारी में प्रमुख रूप से ‘इंडियन वॉकिंग ट्रे’, ‘इंडियन फुटहिल’, ‘एरिड इंडिया’, ‘इंडियन वेटलैंड’, और ‘अफ्रीकन वेटलैंड’ जैसी थीम विकसित की जाएंगी।
मुख्य वन्यजीव
सफारी में प्रमुख रूप से एशियाटिक लायन, बंगाल टाइगर, तेंदुआ, घड़ियाल, उड़न गिलहरी, हॉयना, और अन्य वन्य जीवों का प्रदर्शन होगा। सुविधाएं और गतिविधियाँ
7D थियेटर, कैफेटेरिया, ऑडिटोरियम, पार्किंग, सुपरमैन जिपलाइन, आर्चरी, जिप लाइन, बुरमा ब्रिज, पैडल बोट, स्काई राइड्स, और जंगल थीम वाले किड्स एक्टिविटी ज़ोन जैसी सुविधाएँ भी होंगी।
विश्व स्तरीय वन्य जीव चिकित्सालय और रेस्क्यू सेंटर
इस नाइट सफारी में विश्व स्तरीय वन्य जीव चिकित्सालय और रेस्क्यू सेंटर भी होगा, जो वन्य जीवों की देखभाल और उपचार के लिए समर्पित होगा। जू का विकास
कुकरैल नाइट सफारी पार्क के भीतर जू भी विकसित किया जाएगा, जिसमें 63 इनक्लोजर होंगे। यहां अफ्रीकन सवाना, इंजीनियर्ड वेटलैंड और इनक्रेडिबल इंडिया जैसी थीम क्षेत्रों पर जानवरों का प्रदर्शनी होगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी आवश्यक कार्यों को निर्धारित समय सीमा में पूरा किया जाए ताकि देश को यह शानदार परियोजना 2026 में मिल सके। कुकरैल नाइट सफारी, न केवल उत्तर प्रदेश के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक नई पहचान बनेगा, जो प्राकृतिक और वन्य जीवन प्रेमियों के लिए एक अद्वितीय अनुभव होगा। यह परियोजना उत्तर प्रदेश में पर्यटन को नया आयाम देने के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करेगी। इससे लखनऊ और उत्तर प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करने में मदद मिलेगी।