नवीनीकरण की आवश्यकता पर जोर अध्यक्ष सरदार एसपी सिंह और वरिष्ठ उपाध्यक्ष नीरज जायसवाल ने प्रेस वार्ता में बताया कि प्रदेश के शराब विक्रेता लगातार सरकार से नवीनीकरण की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि विभाग द्वारा निर्देशित कोटा और राजस्व अति से ज्यादा माल दुकानों में लगा हुआ है, जबकि फरवरी और मार्च के महीनों का कोटा अभी उठाना बाकी है। इस स्थिति से व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
बेरोजगारी का संकट विकास मोहन श्रीवास्तव और जयप्रकाश जायसवाल ने बताया कि यदि नवीनीकरण नहीं होता है, तो प्रदेश के लगभग 3 लाख शराब विक्रेताओं और उनके कर्मचारियों का परिवार बेरोजगार हो सकता है। इससे प्रदेश में व्यापक आर्थिक संकट पैदा होगा।
पिछली बैठकों में भी उठाई गई थी समस्याएं मीडिया प्रभारी देवेश जायसवाल और सहकोषाध्यक्ष संजय जायसवाल ने बताया कि संगठन ने 14 नवंबर 2024 और 11 दिसंबर 2024 को आबकारी आयुक्त और प्रमुख सचिव से मुलाकात कर नवीनीकरण की मांग रखी थी। उन्होंने लिखित प्रस्ताव देकर अन्य समस्याओं पर भी चर्चा की थी।
प्रदेश के बड़े कारोबारी शामिल हुए प्रेस वार्ता में रमेश जायसवाल, जय जायसवाल, शुभम मौर्य, शंकर लाल कनौजिया, धर्मेंद्र सिंह, आशीष जग्गी सहित प्रदेश के प्रमुख शराब व्यापारी शामिल हुए। सभी ने एक सुर में नवीनीकरण की मांग को दोहराया और सरकार से इस पर तत्काल निर्णय लेने की अपील की।
आबकारी नीति में सुधार की उम्मीद शराब विक्रेता वेलफेयर एसोसिएशन का कहना है कि सरकार को इस गंभीर स्थिति को समझते हुए व्यापारियों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए। इससे न केवल व्यापारियों को राहत मिलेगी, बल्कि प्रदेश का राजस्व भी प्रभावित नहीं होगा।