यूपी सरकार की ‘यूपी वीमेन पॉवरलाइन 1090’ ने इंटरनेट के एनालिटिक अध्ययन के लिए ‘ओमुफ’ नामक कंपनी से अनुबंध किया है। कंपनी का साफ्टवेयर इंटरनेट पर क्या सर्च हो रहा है। इस पर नजर रखती। किसी मोबाइल नंबर या कंप्यूटर आइपी पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी सर्च हो रही है तो एनालिटिक्स टीम को जानकारी मिल जाएगी।
अगर कोई व्यक्ति इंटरनेट पर पोर्न सामग्री खोज रहा है तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइकोग्राफिक्स जैसी अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए साफ्टवेयर सामग्री सर्च करने वालों को पॉप अप मैसेज के जरिए सैनिटाइज कर लेगा। और 1090 की इंटरनेट डेटा टीम को सूचित करेगा। इसके बाद टीम व्यक्ति को ‘जागरूकता संदेश’ भेजेगी। फिर भी नहीं माने और अश्लील सर्च जारी रही तो वीमेन पावर लाइन की टीम संबंधित के घर पहुंचेगी।
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यूपी में 1.16 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्तावर्तमान में यूपी में लगभग 11.6 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं। यूपी पुलिस चाइल्ड पोर्न देखने वालों का एक ऑनलाइन डेटा भी तैयार कर रही है। डेटाबेस में संग्रहीत आंकड़ों का उपयोग विशेष इलाकों में अपराध के मामलों में निगरानी के लिए किया जा सकेगा।
अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) नीरा रावत के अनुसार आईटी एक्ट के तहत चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना, उसे सर्च करना और आदान-प्रदान करना अपराध की श्रेणी में आता है।