3.45 करोड़ उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत
HT की रिपोर्ट के मुताबिक, उपभोक्ता परिषद ने ऊर्जा मंत्री से मांग की कि विद्युत अधिनियम-2003 की धारा-108 में बिजली दरों में कमी का निर्णय लें। ऐसा कर सरकार 3.45 करोड़ उपभोक्ताओं को बड़ी राहत पहुंचा सकती है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने रविवार को जारी बयान में कहा है कि ऐसा कोई कानून नहीं है जो उपभोक्ताओं की सरप्लस धनराशि बिजली कंपनियों पर निकलने की स्थिति में बिजली दरों में बढ़ोतरी की इजाजत दे। बिजली दरों के साथ ही नियामक आयोग बिजली कंपनियों के सालाना खर्चे (वार्षिक राजस्व आवश्यक्ता) पर भी इसी सप्ताह फैसला सुनाएगा। इस हफ्ते पूरी होगी बिजली दरों पर फैसले की समय सीमा
बिजली दरों पर फैसले की समय सीमा इसी सप्ताह पूरी हो रही है। दरअसल, विद्युत अधिनियम 2003 के तहत बिजली कंपनियों की तरफ से दाखिल एआरआर (वार्षिक राजस्व आवश्यकता) प्रस्ताव के स्वीकारने से 120 दिनों के अंदर नियामक आयोग को बिजली दर की घोषणा करना होता है। 120 दिन की अवधि इसी सप्ताह पूरी हो रही है।
नोएडा पावर कंपनी में जब उपभोक्ताओं का लगभग 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा का सरप्लस निकला तो वहां पर पिछले दो सालों से बिजली दरों में 10 प्रतिशत कमी की जा रही है। इसी आधार पर उपभोक्ताओं की निकल रही सरप्लस धनराशि के एवज में प्रदेश की अन्य बिजली कंपनियों में भी बिजली दरों में कमी किए जाने की मांग चली आ रही है।