‘सब सांसदों और विधायकों को डराने की साजिश’
अखिलेश यादव ने आगे कहा, “सरकार अगर आरोपियों की तस्वीरें जारी कर रही है, तो उन्हें उन भाजपा समर्थकों की भी तस्वीरें जारी करनी चाहिए जिन्होंने सर्वे के दौरान नारेबाजी की। ऐसा कौन सा सर्वे है जो नारेबाजी के बीच किया जाता है? यह सब सांसदों और विधायकों को डराने की साजिश है।”
‘लड़ाई लखनऊ और दिल्ली के बीच’
अखिलेश यादव ने भाजपा पर संविधान के खिलाफ काम करने का आरोप लगाते हुए इसे ‘मन विधान’ करार दिया। उन्होंने कहा, “भाजपा सरकारी तंत्र का इस्तेमाल करके वोट बटोरती है। अगर EVM की फोरेंसिक जांच हो, तो यह पता चलेगा कि एक ही व्यक्ति ने कई बार वोट डाला है। यह लड़ाई लखनऊ और दिल्ली के बीच की है। लखनऊ में बैठे लोग दिल्ली पहुंचना चाहते हैं और इस सत्ता संघर्ष में उत्तर प्रदेश की भाईचारा और शांति खत्म हो रही है।” संभल हिंसा: क्या हुआ था?
4 नवंबर को एएसआई सर्वे के दौरान हुए पत्थरबाजी की घटना
हिंसा में बदल गई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और कई अधिकारी और स्थानीय लोग घायल हुए। यह हिंसा एक मुगलकालीन मस्जिद पर हुए सर्वे को लेकर हुई।
अभी तक 27 लोग गिरफ्तार
मुरादाबाद के संभागीय आयुक्त अंजन्या कुमार सिंह ने पुष्टि की कि इस हिंसा में तीन नाबालिग भी शामिल थे। इस मामले में अब तक 27 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 25 पुरुष और 2 महिलाएं शामिल हैं। पुलिस ने 7 प्राथमिकी दर्ज की हैं। तीसरे दिन भी भारी सुरक्षा बल तैनात
सुरक्षा के मद्देनजर संभल में लगातार तीसरे दिन भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया। एएसआई का यह सर्वे वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन की याचिका के बाद किया जा रहा है, जिसमें दावा किया गया था कि यह मस्जिद मूल रूप से एक मंदिर था। इससे पहले 19 नवंबर को भी इसी मस्जिद का सर्वे किया गया था, जिसमें स्थानीय पुलिस और मस्जिद प्रबंधन समिति के सदस्य मौजूद थे।