रेल पटरियों पर रील बनाना क्यों है खतरनाक
सुरक्षा के लिए खतरा रेल पटरियों पर रील बनाने वाले लोग अपनी और अन्य लोगों की जान को जोखिम में डालते हैं। ऐसी गतिविधियां दुर्घटनाओं का कारण बन सकती हैं।रेल परिचालन में बाधा
पटरियों पर ऐसी गतिविधियों से ट्रेनों की समय सारिणी प्रभावित होती है और परिचालन में देरी होती है।यात्रियों की असुविधा
ट्रेनों के कोच या रेलवे परिसरों में रील बनाने से अन्य यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ता है।रेलवे बोर्ड का सख्त निर्देश
रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल कार्यालयों को निर्देश दिया है कि: एफआईआर दर्ज की जाए यदि कोई व्यक्ति रील बनाने की गतिविधियों से रेल परिचालन या यात्रियों को असुविधा पहुंचाता है तो उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।सुरक्षा पर समझौता न हो
जोनल कार्यालय यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी गतिविधियों से रेलवे की संपत्ति और यात्रियों की सुरक्षा प्रभावित न हो।सामुदायिक जागरूकता
रेलवे अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे लोगों को जागरूक करें कि रेल पटरियों पर इस तरह की गतिविधियां खतरनाक और गैरकानूनी हैं।रेलवे परिसर में रील बनाना क्यों है गैरकानूनी
रेलवे अधिनियम, 1989 के तहत रेल परिसरों और पटरियों पर किसी भी अवैध गतिविधि को दंडनीय अपराध माना गया है। धारा 147:रेलवे पटरियों पर अनधिकृत प्रवेश।
धारा 153:
रेलगाड़ियों के संचालन में बाधा डालना।
धारा 145:
सार्वजनिक स्थान पर अनुचित आचरण।
रेलवे का उद्देश्य
रेलवे ने यह कदम यात्रियों की सुरक्षा और रेल संचालन को व्यवस्थित रखने के उद्देश्य से उठाया है। रेलवे का मानना है कि सोशल मीडिया पर लोकप्रियता हासिल करने के लिए रेल पटरियों पर रील बनाना न केवल खतरनाक है बल्कि गैरजिम्मेदाराना भी है।पहले भी हुए हैं हादसे
रेलवे परिसरों में रील बनाने के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें दुर्घटनाएं भी हुई हैं। ऐसी घटनाएं रेलवे के लिए एक गंभीर चुनौती बन गई हैं। रेलवे का यह फैसला दुर्घटनाओं को रोकने और अनुशासन बनाए रखने के लिए अहम है।लोगों को क्या करना चाहिए
रेलवे परिसर में नियमों का पालन करें।रेल पटरियों पर न जाएं और न ही ऐसी गतिविधियों में भाग लें।
सुरक्षा और जिम्मेदारी को प्राथमिकता दें।
नए निर्देशों का उद्देश्य
सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना।रेलवे संचालन में बाधा रोकना।
यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करना।