इस मुहर के मध्य में मंदिर के शिखर और उस पर अंकित धर्म ध्वजा को उकेरा गया है एवं किनारे गोलाई में हिंदी व अंग्रेजी में काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी अंकित किया गया है। मुहर के निचले भाग में दिनांक के साथ वाराणसी प्रधान डाकघर व इसका पिनकोड-221001 लिखा गया है। अब विश्वेश्वरगंज स्थित वाराणसी प्रधान डाकघर से देश-दुनिया को आने-जाने वाले पत्रों पर सामान्य मुहर की बजाय काशी विश्वनाथ मंदिर के चित्र वाली विशेष मुहर लगेगी।
क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि यह एक अद्भुत संयोग है कि आज ही के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का अपने नव्य, भव्य व दिव्य रूप में लोकार्पण किया जा रहा है। ऐसे में डाक विभाग की यह पहल इस दिन को और भी विशिष्टता प्रदान करेगी। डाक विभाग सदैव से सांस्कृतिक राजदूत की भूमिका निभाता रहा है। ऐसे में यह विशिष्ट चित्रमय मुहर देश-विदेश के सभी आने-जाने वाले पत्रों पर अंकित होने से न सिर्फ देश के भीतर बल्कि वैश्विक स्तर पर भी वाराणसी के सांस्कृतिक दूत का कार्य करेगा।
मुहर पर काशी विश्वनाथ मंदिर के शिखर का चित्र होने से लोगों की आस्था का विस्तार होगा तथा युवा पीढ़ी में भी इसके बारे में जानने के लिए उत्सुकता बढ़ेगी। श्री यादव ने आगे कहा कि इस विशेष मुहर से पूरे विश्व में वाराणसी और भगवान शिव से जुड़े सांस्कृतिक संबंधों का प्रसार होगा। दुनिया भर के शिव भक्तों के लिए यह एक अमूल्य निधि की तरह साबित होगा। इसका उद्देश्य काशी विश्वनाथ की महिमा, उसकी संस्कृति, उसकी पवित्रता सहित काशी के इतिहास को देश-दुनिया तक पहुँचाना है। दिव्य-काशी, भव्य-काशी के साथ यह काशी के सांस्कृतिक गौरव और अस्मिता को नई पहचान देगा।
वाराणसी (पूर्वी) मंडल के प्रवर अधीक्षक डाकघर राजन राव ने कहा कि अब वाराणसी प्रधान डाकघर में देश-दुनिया से आने-जाने वाली सभी चिट्ठियों-पत्रों पर प्रतिदिन काशी विश्वनाथ मंदिर के स्पेशल पिक्टोरियल कैंसिलेशन की मुहर अंकित कर इसे धरोहर के रूप में संजोया जा सकेगा। वाराणसी प्रधान डाकघर से प्रति माह देश-विदेश में 3 लाख से ज्यादा डाक की बुकिंग होती है, वहीं लगभग 1 लाख डाक का वितरण होता है। ऐसे में डाक टिकट संग्राहकों के लिए यह एक अनमोल उपहार साबित होगा। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।