01 अक्टूबर- दशमी श्राद्ध इस दिन जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हुआ हो उनका श्राद्ध किया जाता है। 02 अक्टूबर- इंदिरा एकादशी इंदिरा एकादशी आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में पड़ती है। इस दिन व्रत रखने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। मान्यता है कि अगर कोई पूर्वज जाने-अंजाने हुए अपने पाप कर्मों यमराज के कारण अपने कर्मों का दंड भोग रहा है, तो इस एकादशी विधिपूर्वक व्रत करके पुण्य को उनके नाम दान कर दिया जाए तो उन्हें मोक्ष प्राप्त होता है।
04 अक्टूबर- प्रदोष व्रत प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत करने का विधान है। सोमवार को पड़ने के कारण इसे सोम व्रत कहा जाएगा। जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की विधि पूर्वक पूजा करता है, उसकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इस बार यह व्रत सोमवार 4 अक्टूबर को पड़ रहा है। इसी दिन मासिक शिवरात्रि भी है।
06 अक्टूबर- सर्वपित्त अमावस्या सनातन धर्म में श्राद्ध का विशेष महत्व है। लेकिन अगर किसी को अपने पितरों की पुण्यतिथि याद न हो तो इस स्थिति में सर्व पितृ श्राद्ध अमावस्या के दिन उन पितरों का श्राद्ध किया जा सकता है। मान्यता है कि इस दिन श्राद्ध किए जाने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
07 अक्टूबर- शारदीय नवरात्र प्रारंभ नवरात्रि के पवित्र दिनों का त्योहार शारदीय नवरात्रि प्रारंभ होंगे। पहले दिन मां शैलपुत्री का पूजन किया जाएगा। 13 अक्टूबर-दुर्गा अष्टमी दुर्गा अष्टमी या नवरात्रि का आठवां दिन मां महागौरी को समर्पित होता है। इस दिन कन्या पूजन व बड़ी संख्या में लोगों द्वारा भंडारे का आयोजन किया जाता है।
14 अक्टूबर- नवमी अष्टमी की ही तरह महानवमी तिथि का भी विशेष महत्व है। इस दिन मां भगवती नवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है। इसके साथ ही इस दिन हवन-कन्या पूजन करके माता को विदाई दी जाती है।
15 अक्टूबर- दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा मनाया जाएगा। इसी दिन भगवान राम ने रावण का संहार किया था। इस पर्व को विजयदशमी, आयुध पूजा आदि नामों से भी जाना जाता है।
19 अक्टूबर- शरद पूर्णिमा सनातन धर्म में शरद पूर्णिमा को ही कोजागर पूर्णिमा कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से युक्त होता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार इस दिन चांद की रोशनी में अमृत बरसता है। इस दिन चंद्रमा की रोशनी में पूरी रात खीर रखकर दूसरे दिन उसका सेवन किया जाए तो सेहत अच्छी रहती है।
24 अक्टूबर- करवा चौथ कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना से निर्जला व्रत रखती हैं। शाम को सोलह श्रृंगार करके चंद्रमा को देखकर व्रत खोलती हैं।