मोदी के बनारस से गंगा के सहारे बांग्लादेश पहुंचें
किस पेड़ की क्या खासियत?पंचवटी में शामिल पेड़ अपनी अलग ही खासियत रखते हैं। इनमें बरगद का पेड़ तेज गर्मी में भी पंचवटी को ठंडा रखेगा। इसका दूध असाध्य रोगों से लड़ने में कारगर है। पीपल का पेड़ जहां रक्तविकार दूर करता है, वहीं वातावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने में सहायक है। बेल का फल पेट संबंधी रोग को तो छूमंतर करता ही है, वातावरण को भी खूशबूदार बनाने में सहायक होता है। आंवला शरीर को निरोग बनाने की महाऔषधि है। सदाबहार रहने वाला अशोक का वृक्ष स्त्री रोगों से निदान दिलाता है।
गांवों में सरकारी जमीनों का चयन कर पंचवटी (Panchvati) की स्थापना की जाएगी। फिलहाल, काशी में पंचवटी के लिए ग्राम समाज की भूमि को चिन्हित करने का काम शुरू हो गया है। सूत्रों की मानें तो काशी के बाद सूबे की अन्य ग्राम पंचायतों में पंचवटी की योजना अमल में लाई जाएगी। वाराणसी के जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री (Narendra Modi) ने काशी के हर गांव में पंचवटी स्थापित करने की इच्छा जताई है। इसके लिए सभी ग्राम पंचायतों की सरकारी जमीनों को चिन्हित कर लिया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय के दिशा निर्देश पर तय मानक पर पंचवटी की स्थापना शुरू कराई जाएगी।