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लखनऊ

गृहमंत्री अमित शाह ने किया फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट का शिलान्यास, जानें क्या होंगे फायदे

सीएम योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने लखनऊ में किया साइंस एवं फॉरेंसिक विश्वविद्यालय का शिलान्यास। पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि अभी जो उत्तर प्रदेश में प्रयोगशाला है, वह अंग्रेजों के जमाने की है।

लखनऊAug 01, 2021 / 04:03 pm

lokesh verma

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लखनऊ. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंचे। अमित शाह ने लखनऊ में साइंस एवं फॉरेंसिक विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया। इस दौरान उनके साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह संस्थान फॉरेंसिक क्षेत्र में प्रशिक्षित मानव बल तैयार कर प्रदेश में पुलिस व न्याय प्रणाली के आधुनिकीकरण में अग्रणीय भूमिका निभाएगा। वहीं सीएम योगी ने कहा कि अपराध को रोकने और अपराधियों को सजा देने हेतु आधुनिक तकनीक का उपयोग तथा उच्च कोटि के प्रशिक्षित वैज्ञानिकों की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए यूपी पुलिस अब नए सिरे से कार्य कर रही है।
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एक तिहाई समय में पूरा होगा परीक्षण

उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व मुखिया विक्रम सिंह ने पत्रिका से बातचीत के दौरान कहा कि यूपी में फॉरेंसिक साइंस इंस्टिट्यूट नहीं था। एक परीक्षण में जो समय पहले लगता था वो समय कम होकर एक तिहाई हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मान लीजिए किसी परीक्षण में तीन माह का समय पहले लगता था वो परीक्षण इस प्रयोगशाला के शुरू होने के बाद एक माह में पूरा हो जाएगा। इस लिहाज से ये प्रयोगशाला काफी लाभदायक है। इसका सकारात्मक परिणाम मिलेगा।
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अंग्रेजों के जमाने का है प्रयोगशाला

पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि यह प्रयोगशाला गुजरात की नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी के स्तर की प्रयोगशाला होगी। अभी जो उत्तर प्रदेश में प्रयोगशाला है वो पुराने जमाने की है, अंग्रेजों के जमाने की। संसाधन की कमी है, ट्रैंड स्टॉफ नहीं है। अब नए प्रयोगशाला के बन जाने के बाद इसका लाभ मुकदमों में होगा। आरोपियों को समय पर सजा हो सकेगी।
तेजी से होंगी विवेचनाएं

पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने आगे कहा कि इस प्रयोगशाला के खुलने के बाद विवेचना में भी तेजी आएगी। क्योंकि घटना स्थल से बरामद किए गए हथियार प्रयोगशाला जल्दी पहुंचेगे। उस पर मिले फिंगर प्रिंट और आरोपियों के डीएनए को मैच करने में समय कम लगेगा। प्रयोगशाला से कम समय में जांच रिपोर्ट आने के बाद जांच अधिकारी जल्द से जल्द चार्जशीट को कोर्ट में दाखिल कर पाएंगें।
विश्व स्तर के एक्सपर्ट सिखाएंगे बारीकियां

तकनीकी के क्षेत्र में दुनिया में अपना डंका बजवाने वाले इज़राइल के एक्सपर्ट उत्तर प्रदेश के फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट से जुड़े रहेंगे। यह एक्सपर्ट इंस्टीट्यूट के स्टूडेंट को फॉरेंसिक की बारीकियां सिखाएंगे। यह इंस्टीट्यूट गुजरात की नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध होगा। लखनऊ स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी से भी एमओयू किया गया है। इंस्टीट्यूट में उत्तर प्रदेश और देश के दूसरे राज्यों के साथ-साथ नेपाल, भूटान, मालदीव और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों के स्टूडेंट भी एडमिशन ले सकेंगे।
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350 करोड़ की लागत से बनेगा प्रयोगशाला

जानकारी के मुताबिक लखनऊ के सरोजनीनगर में लगभग 36 एकड़ जमीन पर बनने वाला फॉरेंसिक साइंस इंस्टिट्यूट यूपी में अपनी तरह का अनोखा संस्थान होगा। इसकी अनुमानित लागत 350 करोड़ रुपए के आसपास है। इंस्टिट्यूट में एकेडमिक ब्लॉक के साथ ही प्रशासनिक भवन, महिला व पुरुष हॉस्टल, लेक्चर हॉल, लाइब्रेरी, ऑडिटोरियम, गेस्ट रूम, प्ले ग्राउंड, स्विमिंग पूल, स्टूडेंट यूनियन के लिए एक भवन और कैंटीन होगी। इसके अलावा पुलिस विभाग के लिए इंस्टिट्यूट परिसर के साथ ही करीब 250 आवासीय निर्माण भी कराए जाएंगे।

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