-मदिरा की बिक्री पर लगने वाले उपकर यानी सेस से 165 करोड़ रुपए। इससे निराश्रित और बेसहारा गोवंश के भरण पोषण में मदद मिलेगी।
-ग्रामीण क्षेत्रों में गोवंश के रखरखाव और गोशाला निर्माण के लिए 247.60 करोड़ रुपए
-शहरी क्षेत्रों में कान्हा गोशाला और बेसहारा पशु आश्रय योजना के लिए 200 करोड़ रुपए
-प्रदेश के विभिन्न शहरों में गोवंश के लिए काजी हाउस की स्थापना और पुनॢनर्माण कार्य के लिए 20 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
गौरतलब है योगी सरकार ने इसके पहले चालू वित्तीय वर्ष के लिए 160 करोड़ रुपए जारी किए थे। इसके तहत सभी नगर निगमों को गोशाला और आवारा पशुओं के लिए आश्रय स्थल बनाने का निर्देश दिए गए थे। इसी क्रम में सूबे के प्रत्येक नगर निगम को 10-10 करोड़ रुपए जारी किए गए थे। इस राशि से प्रदेश के 16 नगर निगमों में गायों के लिए आश्रय गृह अथवा गोशालाएं बनायी जा रही हैं। इसके पहले सभी 75 जिलों में गायों और बैलों के लिए नए आश्रय स्थल बनाने के लिए 1.2 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई थी। इस मद में कुल 90 करोड़ रुपए जारी हुए थे। पिछले साल, राज्य के 653 शहरी निकायों में से 69 को नई गौशालाओं के निर्माण के लिए प्रत्येक निकाय को 10 लाख रुपये से 30 लाख रुपये की धनराशि जारी की गई थी।