ईधन के खर्च से मिलेगी राहत संसदीय समिति का यह भी मानना है कि इस सिस्टम को देशभर में लागू करने से टोल प्लॉजा पर लोगों को होने वाली देरी को समाप्त करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही ईधन खर्च में भी बचत होगी और राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा में लगने वाले समय को भी कम किया जा सकेगा।
फास्टैग से आ रही थी परेशानियां राष्ट्रीय भू-तल परिवहन मंत्रालय ने टोल प्लॉजा पर वाहनों की लंबी कतार को कम करने के मकसद से फास्टैग व्यवस्था की शुरूआत की गई थी। जिससे गाड़ियां का टोल टैक्स फास्टैग के जरिए ही कट जाया करता है और गाड़ियों को टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ती है। लेकिन अब इसमें आ रही कई तरह की आ रही परेशानियों को देखते हुए संसदीय समिति ने जीपीएस आधारित टोल व्यवस्था की शुरूआत करने की सिफारिश की है।
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कमाल की है ये इलेक्ट्रिक साइकिल, 3 रुपये में करायेगी 100 किमी का सफर, फीचर भी है शानदार संसदीय समिति ने की सराहना राष्ट्र निर्माण में राजमार्गों की भूमिका पर संसद में रिपोर्ट पेश करते हुए देश में जीपीएस आधारित टोलिंग शुरू करने के संबंध में मंत्रालय द्वारा की जा रही पहल की सराहना करते हुए संसदीय समिति ने सराहना भी की है। समिति ने का कहना है कि इससे राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा बनाने के लिए बुनियादी ढांचा नहीं बनाना पड़ेगा।
केंद्र ने दिया सुझाव पर अमल करने का आश्वासन सरकार ने संसदीय समिति के सुझाव पर अमल करने का आश्वासन देते हुए यह जानकारी दी है कि एनएचएआई (NHAI) परामर्शदाता की पहचान करने की प्रक्रिया में है जो सैटेलाइट आधारित टोलिंग के कार्यान्वयन के लिए रोडमैप तैयार करेगा ताकि संसदीय समिति की सिफारिश के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्गों का उपयोग करने वाले लोगों को लाभ पहुंचाया जा सके।