घटना का विवरण: मामूली विवाद बना हिंसक
तेलीबाग के कुम्हार मंडी इलाके में किराए के मकान में रहने वाले सोनू कौशल जो हजरतगंज के एक इलेक्ट्रॉनिक शोरूम में सेल्समैन का काम करता है, ने शराब के नशे में अपनी पत्नी पर खौलता दूध डालकर उसे घायल कर दिया। सोनू की पत्नी मोहनी कौशल ने बताया कि वह पिछले पांच साल से शादीशुदा जीवन जी रही हैं और उनके दो बच्चे हैं, जिनमें एक दो साल की बेटी और दूसरी सिर्फ दो महीने की है। रविवार रात की घटना के दौरान मोहनी अपनी सहेली सुधा से मिल रही थी, जो उनके घर आई हुई थी। सुधा के फोन पर एक कॉल आई, जिसके बाद वह बाहर जाकर बात करने लगी। इसी दौरान, मोहनी अपनी बच्चियों के लिए दूध गर्म कर रही थी। इसी वक्त पति सोनू ने किसी बात पर गुस्से में आकर मोहनी से बहस शुरू कर दी।
खौलता दूध पत्नी के सिर पर डाला
मोहनी के अनुसार सोनू अक्सर शराब के नशे में घर आता था और आए दिन छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा करता था। रविवार रात को भी सोनू ने गुस्से में आकर पहले मोहनी का सिर दीवार से दे मारा और फिर रसोई में रखा खौलता हुआ दूध उसके सिर पर डाल दिया। यह क्रूर हमला इतनी तेजी से हुआ कि मोहनी को बचने का मौका ही नहीं मिला और वह गंभीर रूप से झुलस गई।
पुलिस की कार्रवाई: आरोपी पति गिरफ्तार
घटना के बाद, मोहनी किसी तरह अपनी हालत संभालकर घर से बाहर आई और अपनी सहेली और पड़ोसियों की मदद से अस्पताल पहुंची। मोहनी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पीजीआई थाना क्षेत्र के इंस्पेक्टर ब्रजेश चंद्र तिवारी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी पति सोनू कौशल को गिरफ्तार कर लिया। घरेलू हिंसा की बढ़ती समस्या
यह मामला सिर्फ एक घरेलू विवाद नहीं, बल्कि एक बड़ी सामाजिक समस्या की ओर इशारा करता है। घरेलू हिंसा के मामले भारत में आम हो गए हैं, जहां महिलाएं अपने ही घर में शोषण का शिकार होती हैं। पुलिस द्वारा आरोपी की गिरफ्तारी एक सही कदम है, लेकिन ऐसे मामलों में सख्त कानून और सामाजिक जागरूकता की भी सख्त जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
मोहनी की स्थिति और आगे की कार्रवाई
मोहनी इस घटना के बाद से गंभीर मानसिक और शारीरिक आघात से गुजर रही हैं। उनका इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है, जहां डॉक्टर उनकी देखभाल कर रहे हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और कानूनी कार्रवाई शुरू हो चुकी है। इस घटना ने मोहल्ले में भी सनसनी फैला दी है, और लोग आरोपी पति के खिलाफ सख्त से सख्त सजा की मांग कर रहे हैं। घरेलू हिंसा के खिलाफ कानून और जागरूकता की जरूरत
इस घटना ने एक बार फिर से घरेलू हिंसा की विकरालता को उजागर किया है। महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा को रोकने के लिए सख्त कानून तो हैं, लेकिन इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए लोगों के बीच जागरूकता और सही सामाजिक तंत्र की आवश्यकता है। घरेलू हिंसा के मामलों में महिलाएं अक्सर डर और सामाजिक दबाव के कारण आवाज नहीं उठा पातीं। ऐसे में समाज के हर व्यक्ति की जिम्मेदारी बनती है कि वह घरेलू हिंसा के खिलाफ खड़ा हो और पीड़ितों को न्याय दिलाने में मदद करे।
एक दुखद घटना, एक बड़ा संदेश
तेलीबाग में हुई यह घटना सिर्फ एक घर की समस्या नहीं, बल्कि एक पूरे समाज की समस्या का प्रतीक है। जब तक समाज में घरेलू हिंसा के प्रति जागरूकता और सख्त कानूनी कदम नहीं उठाए जाते, तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। पीड़िता मोहनी की कहानी हर उस महिला की कहानी है, जो घरेलू हिंसा का शिकार है, लेकिन समाज की चुप्पी और कानून की ढिलाई के चलते न्याय की आस में जी रही है।