CM Yogi Adityanath: लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम मेधावी सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेधावियों को सम्मानित किया। इसके साथ ही, उन्होंने सभी छात्रों को खूब परिश्रम करने की प्रेरणा दी। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी ने यह भी बताया कि करियर में उनकी पहली पसंद इंजीनियर बनना था।
कार्यक्रम में लखनऊ के सांभवी द्विवेदी ने CM योगी से सवाल पूछा कि आप बचपन में क्या बनना चाहते थे। उन्होंने जवाब में कहा, “पढ़ाई के समय में मैं भी आप लोगों से अलग नहीं सोचता था। मैं इंजीनियर बनना चाहता था। हर करियर के अपने फायदे और नुकसान होते हैं। बाद में लगा कि प्रशासनिक पद के बजाय अच्छा इंसान बनकर पीड़ितों का दर्द दूर करूं।”
उन्होंने आगे कहा, “संन्यास पलायन का नहीं परिश्रम और संघर्ष का मार्ग है। आज भी 16-18 घंटे काम कर्तव्य और संन्यास की सार्थकता के लिए करता हूं। भारत की ऋषि परंपरा ने संन्यास की जो व्यवस्था बनाई है वो व्यवस्था सही है, इसे साबित कर सकूं। आज मैं भगवान श्रीकृष्ण के सिद्धांतों पर चलते हुए सज्जनों के साथ खड़ा रहता हूं और दुष्टों के त्राण के लिए कदम भी उठाता हूं।”
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