Manmohan Singh Tribute: मनमोहन सिंह का लखनऊ कनेक्शन: गुरुद्वारे में टेका था मत्था, फिर शुरू की थी चुनावी सभा
Manmohan Singh Tribute: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का लखनऊ से कोई खास नाता नहीं था, लेकिन 2014 में उन्होंने यहियागंज गुरुद्वारे में मत्था टेका और राजाजीपुरम में चुनावी सभा को संबोधित किया। उनका मृदुभाषी स्वभाव कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बेहद प्रभावित किया और उनकी यादें आज भी ताजी हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री की मृदुभाषी स्वभाव और कार्यकाल की यादें कांग्रेस कार्यकर्ताओं के दिलों में ताजा
Manmohan Singh Tribute: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का लखनऊ से कोई खास नाता तो नहीं था, लेकिन 2014 में जब वह प्रधानमंत्री थे, तब उन्होंने लखनऊ के यहियागंज गुरुद्वारा में मत्था टेका था। उनकी इस यात्रा को लखनऊ के कांग्रेस कार्यकर्ता आज भी याद करते हैं। यह यात्रा उनके मृदु और सरल स्वभाव का प्रतीक बनी थी, जिसे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दिल से सराहा।
पूर्व विधायक श्याम किशोर ने बताया कि 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान, डॉ. मनमोहन सिंह ने राजाजीपुरम में एक चुनावी सभा को संबोधित किया था। इस अवसर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके सरल और मृदुभाषी स्वभाव की सराहना की और उनका दिल से स्वागत किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए यह एक अविस्मरणीय पल था, क्योंकि उनकी विनम्रता और शालीनता ने सभी को प्रभावित किया था।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन की खबर से शोक व्यक्त करते हुए, राजाजीपुरम के वरिष्ठ कांग्रेस नेता बलदेव सिंह ने कहा कि उनका कार्यकाल स्वर्णिम था। उन्होंने कर्मचारियों के लिए सातवां वेतन आयोग लागू किया, जिससे पूरे देश के कर्मियों को लाभ हुआ। उनके द्वारा किए गए कार्यों के कारण आज भी कर्मचारी उनका गुणगान करते हैं।
पूर्व सांसद राजा राम पाल ने भी मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया और अपनी पुरानी यादों को ताजा किया। उन्होंने बताया कि वह 2009 में श्रीप्रकाश जायसवाल के लिए कानपुर में एक रैली आयोजित कर रहे थे, और उस दौरान उनकी मुलाकात डॉ. मनमोहन सिंह से हुई थी। उनका विनम्र व्यवहार और शालीनता ने उन्हें गहरे रूप से प्रभावित किया। उन्होंने यह भी कहा कि डॉ. सिंह का संगठन के प्रति प्रेम और स्नेह अविस्मरणीय था।
2016 में भी उनकी मुलाकात हुई, और डॉ. मनमोहन सिंह ने हमेशा कांग्रेस और देश की अर्थव्यवस्था के प्रति अपनी सजगता दिखाई। उनके स्नेह और विनम्रता को हमेशा याद किया जाएगा। राजा राम पाल ने कहा कि वह सचमुच भारत मां के सपूत थे, और पाकिस्तान से माइग्रेट होने के बावजूद उन्होंने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए कभी पाकिस्तान की यात्रा नहीं की, जो उनकी देशभक्ति और भारत मां के प्रति सच्चे प्रेम का प्रतीक था।
शहर कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष अमित श्रीवास्तव त्यागी ने भी डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि, “मैं उनसे कभी व्यक्तिगत रूप से नहीं मिला, लेकिन उनके मृदु व्यवहार और शालीनता से हर कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभावित था। लोग आज भी उनके दोनों कार्यकाल की तारीफ करते नहीं थकते हैं।”
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का लखनऊ कनेक्शन उनके सरल और मृदुभाषी स्वभाव के कारण हमेशा कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के दिलों में जीवित रहेगा। उनकी विनम्रता, शालीनता और देशभक्ति ने उन्हें एक बेहतरीन नेता बना दिया। उनका कार्यकाल भारतीय राजनीति में स्वर्णिम था, और उनकी यादें आज भी कार्यकर्ताओं और आम लोगों के दिलों में ताजा हैं।
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