प्रदेश के गृह विभाग के सभी जिलों के अक्टूबर 2013 से जनवरी 2018 के बीच शास्त्रों की संख्या मांगी थी। ये पत्र सभी जिलों के जिला मजिस्ट्रेट को भेजा गया था। इसमें अधिकांश ने अप्रैल 2017 तक का रिकॉर्ड शासन को भेजा है। इसके तहत उक्त समय अवधि में प्रदेश में 17,787 शस्त्र लाइसेंस जारी किये गए हैं। 9 ऐसे जिलें हैं जहां 500 से अधिक लाइसेंस इशू किये गए हैं। जबकि हाल ही तिरंगा यात्रा को लेकर चर्चा में आए कासगंज में कुल 1 लाइसेंस दिया गया।
लखनऊ में जो लाइसेंस जारी किए गए उस में अधिकांश विरासत हस्तांतरण के आधार के साथ आत्मसुरक्षा के तहत दिए गए हैं। इसी प्रकार दूसरे नंबर पर आगरा है जहां बैंकों की सुरक्षा के लिए 16 और विशेष परिस्थितियों में 37 लाइसेंस जारी किये गए हैं। पूर्वांचल के जिलों में अपेक्षा रूप कम लाइसेंस जारी हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सिर्फ 147 और इटावा में 169 लाइसेंस दिए गए हैं।
सबसे अधिक लाइसेंस लखनऊ – 949
आगरा – 901
फिरोजाबाद – 840
मैनपुरी – 814
शाहजहांपुर – 823
एटा – 669
इलाहाबाद – 653
फतेहपुर – 637
लखीमपुर खीरी – 526
सबसे काम लाइसेंस मथुरा – 0
कासगंज – 1
पीलीभीत – 3
हरदोई – 3
रामपुर – 5
चंदौली – 5
एडीएम सिटी पश्चिम संतोष कुमार वैश्य ने कहा कि राजधानी में सबसे अधिक शस्त्र लाइसेंस दिए गए हैं। ऐसे कई लोग हैं जो अब शस्त्र नहीं चला सकते और उन्हें संभाल नहीं सकते। उन्होंने लाइसेंस समर्पण करने के लिए आवेदन किया है। हालांकि लाइसेंस देने की प्रक्रिया में बदलाव किए गए हैं जिससे ये पक्रिया काफी मुश्किल हो जाती है। इसके चलते आने वाले समय में राजधानी में शस्त्रोंधारकों की संख्या घट जाएगी।