scriptहैप्पी बर्थडे बशीर बद्र: आज याद्दाश्त खो चुके, कभी जुल्फिकार भुट्टो ने इंदिरा गांधी को सुनाया था इनका शेर | Bashir Badr Birthday Special Story Bashir Badr Profile | Patrika News
लखनऊ

हैप्पी बर्थडे बशीर बद्र: आज याद्दाश्त खो चुके, कभी जुल्फिकार भुट्टो ने इंदिरा गांधी को सुनाया था इनका शेर

बशीर बद्र को आज याद नहीं कि कैसे उनके स्टेज पर पहुंचते ही हजारों लोग उठ खड़े होते थे। याद्दाश्त खो चुका ये शायर अब अपने कमरे में बैठा रहता है।

लखनऊFeb 15, 2023 / 08:46 am

Rizwan Pundeer

baashir_rahat.jpg

पत्नी राहत के साथ बशीर बद्र

इतनी मिलती है मेरी गजलों से सूरत तेरी
लोग तुझ को मेरा महबूब समझते होंगे।


मुहब्बत और जज्बात के शायर डॉक्टर बशीर बद्र गजल, कविता को जानने वालों के लिए एक जाना पहचाना और मोतबर नाम हैं। बीते 70 साल से गजलों के जरिए प्यार करना, प्यार का इजहार करना और प्यार निभाना सिखा रहे बशीर बद्र का आज बर्थडे है।

15 फरवरी 1935 में अयोध्या में पैदा हुए बशीर बद्र 88 साल के हो गए हैं। बशीर बद्र 10 साल की उम्र से ही शायरी करने लगे थे। अपनी शायरी के जरिए वो करीब 50 सालों तक मुशायरों में छाए रहे। ये सिलसिला बीते दशक में तब रुका जब बशीर बद्र की याद्दाश्त ने साथ छोड़ दिया। अब वो भोपाल में अपने घर में गुमशुम हैं।


पुलिस की नौकरी कर चुके हैं बशीर बद्र

पुलिस की नौकरी और शायरी का रिश्ता कुछ लोगों को अजीब लग सकता है। लेकिन ये हकीकत है कि बशीर बद्र कई साल पुलिस विभाग में रहे हैं। वैसे भी जितना रोमांटिक बशीर बद्र लिखते हैं, उस तरह की छवि शायद हमारे बीच पुलिसवालों की नहीं है। आप उनकी ये गजल देखिए, ये ध्यान रखते हुए कि आरिज गाल को कहते हैं-

निकल आए इधर जनाब कहां
रात के वक्त आफताब कहां।


सब खिले हैं किसी के आरिज पर
इस बरस बाग में गुलाब कहां।


मेरे होंठों पे तेरी ख़ुशबू है
छू सकेगी इन्हें शराब कहां।


मेरी आंखों में किसी के आंसू हैं
वर्ना इन पत्थरों में आब कहां।
इस गजल को पुलिस विभाग में करीब 15 साल दीवान की नौकरी करने वाले बशीर बद्र ने ही लिखा है। दरअसल उनका पुलिस विभाग में आना इत्तेफाक था। बशीर बद्र के वालिद पुलिस में थे। बशीर बद्र ने हाईस्कूल पास किया ही था कि इनके वालिद का इंतकाल हो गया। परिवार की जिम्मेदारी आई तो पढ़ाई छोड़़ दी और 85 रूपए महीना के वेतन पर पुलिस विभाग में दीवान हो गए।

सातवीं क्लास में थे, जब छप गई थी पहली गजल
बशीर बद्र कितनी कम उम्र में शायरी करने लगे थे। इसका अंदाजा इससे लगा लीजिए कि जब वो सातवीं में थे, तब उनकी एक गजल ‘निगार’ नाम की मैगजीन में छपी थी। 20 साल की उम्र तक उनके शेर सरहदों को पार करते हुए पाकिस्तान तक में मशहूर हो गए थे। बशीर बद्र की अलहदा किस्म की शायरी सुनने के लिए लोग मुशायरों में उमड़ने लगे थे। अपनी शायरी के लिए वो खुद ही कहते हैं-

कोई फूल धूप की पत्तियों में हरे रिबन से बंधा हुआ
ये गजल का लहजा नया-नया, ना कहा हुआ ना सुना हुआ।

बशीर बद्र शायरी में नाम बना रहे थे लेकिन पढ़ाई छूट जाने का एक दुख उनके भीतर था। ऐसे में उन्होंने फिर से दाखिला लिया और पढ़ाई आगे बढ़ाई। 1965 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी में बीए शुरू किया। नौकरी आड़े आई तो 1967 में पुलिस की नौकरी भी छोड़ दी और पूरी तरह से शायरी के हो गए।
bashir_bdr_bi.jpg

भुट्टो ने पढ़ा था शेर, इंदिरा भी थीं मुरीद

1970 तक बशीर बद्र की मकबूलियत कहां पहुंच गई थी। ये ऐसे जानिए कि बांग्लादेश बनने के बाद भारत-पाक में जुलाई, 1972 को शिमला समझौता हुआ। इस दौरान इंदिरा गांधी को पाकिस्तान के पीएम जुल्फिकार अली भुट्टो ने एक शेर सुनाया। जिस शेर को कुछ साल पहले बशीर बद्र ने लिखा था। शेर है-

दुश्मनी जमकर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे
जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा ना हों।


जुल्फिकार भुट्टो ही नहीं इंदिरा गांधी को भी बशीर साहब की शायरी पसंद थी। खासतौर से बशीर बद्र का ये शेर उनको काफी पसंद था।

उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो,
ना जाने किस गली में जिंदगी की शाम हो जाए।


मेरठ के दंगों ने तोड़ दिया था बशीर बद्र का दिल
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पीएचडी के बाद बशीर बद्र मेरठ आ गए थे। मेरठ कॉलेज में वो नौकरी कर रहे थे। इसी दौरान 1987 के सांप्रदायिक दंगे हुए। इन दंगों में बशीर बद्र का घर जला दिया गया। इसी दर्द को उन्होंने एक शेर में यूं बयान किया-

लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में,
तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में।


इसी गजल में एक और शेर है-


हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते हैं
उम्रें बीत जाती हैं दिल को दिल बनाने में।
इन दंगों ने बशीर बद्र का दिल ऐसा तोड़ा कि वो भोपाल चले गए। भोपाल जाने के बाद भी शायरी का सिलसिला बदस्तूर जारी रहा। जब तक कि उनकी याद्दाश्त ने उनका साथ नहीं छोड़ दिया। इन दिनों भोपाल में वो पत्नी राहत के साथ रहते हैं।
bashir_badrr_1.jpg

रिश्तों पर लिखे शेर भी बने पहचान
बशीर बद्र ने इश्क और मुहब्बत पर तो बेहतरीन शायरी की ही है। इससे ज्यादा समाज और रिश्तों पर लिखे शेर उनकी पहचान हैं। एक शेर में जिस तरह से बशीर बद्र किसी रिश्ते को निचोड़ कर रख देते हैं, वो हुनर सिर्फ उन्ही के पास है। बेटियों के लिए वो लिखते हैं-

वो शाख है न फूल, अगर तितलियां न हों
वो घर भी कोई घर है जहां बच्चियां न हों


उनका ये शेर भी देखिए-


परखना मत, परखने में कोई अपना नहीं रहता
किसी भी आईने में देर तक चेहरा नहीं रहता

बडे लोगों से मिलने में हमेशा फासला रखना
जहां दरिया समंदर में मिले, दरिया नहीं रहता।


किसी से दूर होने का गम, किसी के छोड़ जाने की पीड़ा, किसी ना पाने के अहसास को शायद बशीर बद्र साब के इन शेरों से बेहतर कोई कह नहीं सकता-

कुछ तो मजबूरियां रही होंगी,
यूं कोई बेवफा नहीं होता।


बशीर बद्र का ये शेर भी देखिए-


वो चांदनी का बदन खुशबुओं का साया है,
बहुत अजीज हमें है मगर पराया है।


बशीर बद्र की किताबें- इकाई, इमेज, आमद, आस, आसमान और आहट प्रकाशित हो चुकी हैं। बशीर बद्र को उनके काम के लिए 1999 में पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया गया। उनको उर्दू का साहित्य अकादमी अवार्ड भी मिल चुका है। तमाम अवार्ड से नवाजे जा चुके बशीर बद्र का एक शेर आज भी किसी का दिखावा देखकर जुबान पर आ ही जाता है-
यहां लिबास की कीमत है, आदमी की नहीं
मुझे गिलास बड़ा दे, शराब कम कर दे।

यह भी पढ़ें

बशीर बद्र- जिनकी गजलें उनके एमए में एडमिशन से पहले MA के सिलेबस में पहुंच गईं



आज तन्हा दीवारों को तकते हैं बशीर बद्र
बशीर बद्र डिमेंसिया बीमारी की वजह से अपनी याद्दाश्त खो चुके हैं। कभी मुशाअरे की कामयाबी की जमानत रहे बशीर बद्र आज अपने छोटे-मोटे कामों के लिए भी पत्नी राहत के भरोसे हैं, जो उनका ख्याल रखती हैं। बशीर बद्र साब आज भले अकेले हैं लेकिन उनकी लिखी गजलें किसी को अकेला नहीं छोड़ती। जिंदगी के हर मोड़ पर उनका कोई शेर हमारे काम आ जाता है।
कहां आंसुओं की ये सौगात होगी
नए लोग होंगे नई बात होगी।


मैं हर हाल में मुस्कुराता रहूंगा
तुम्हारी मोहब्बत अगर साथ होगी


चरागों को आंखों में महफूज रखना
बहुत दूर तक रात ही रात होगी।

मुसाफिर हैं हम भी मुसाफिर हो तुम भी
किसी मोड़ पर फिर मुलाकात होगी।

Hindi News / Lucknow / हैप्पी बर्थडे बशीर बद्र: आज याद्दाश्त खो चुके, कभी जुल्फिकार भुट्टो ने इंदिरा गांधी को सुनाया था इनका शेर

ट्रेंडिंग वीडियो