ये भी पढ़ें- कोरोना काल में अनाथों के नाथ बने सीएम योगी, भरण पोषण, पढ़ाई व आर्थिक सहायता की जिम्मेदारी उठाएगी योगी सरकार प्रदेश में ग्रामीण इलाकों में होम्योपैथी की काफी अच्छी पकड़ है। आयुष विभाग की ओर से प्रदेश में होम्योपैथ के करीब 1600 चिकित्सायल संचालित किए जा रहे हैं। इसमें से 1300 से अधिक चिकित्सालय ग्रामीण इलाकों में स्थित हैं। जहां से ग्रामीणों को नि:शुल्क चिकित्सालय उपलब्ध कराई जा रही है। निदेशायल में संयुक्त निदेशक डॉ सुचेन अग्रवाल बताते हैं कि प्रदेश में होम्योपैथी के सबसे अधिक चिकित्सालय संचालित किए जा रहे हैं। कोरोना काल के दौरान स्वस्थ कर्मियों ने घर-घर जाकर होम आइसोलेटेड व क्वारंटीन मरीजों को दवा पहुंचाई है। उन्होंने बताया कि होम्योपैथी की दवा एक छोटी शीशी में आ जाती है। इसको पहुंचाना भी आसान होता है। एक शीशी में पूरा परिवार दवा का सेवन कर सकता है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण इलाकों में होम्योपैथिक उपचार लोगों को काफी पसंद है।
ये भी पढ़ें- कोरोना टीकाकरण: 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के अभिभावकों के लिए बनेगा ‘अभिभावक स्पेशल’ बूथ, सीएम ने दिए निर्देश कोरोना के इलाज में कारगर- डॉ सुचेन बताते हैं कि केन्द्रीय स्वस्थ मंत्रालय ने होम्योपैथिक विधा को कोरोना मरीजों के इलाज में कारगर बताते हुए मरीजों के इलाज की छूट दी है। ऐसे में होम्योपैथी की 10 से 12 दवाओं कोरोना मरीजों के इलाज में इस्तेमाल की जा रही हैं। इन दवाओं से मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ-साथ आक्सीजन का लेवल बढ़ाने का काम करती हैं। बनारस पुलिस लाइन में 12 से 15 हजार पुलिसकर्मियों को होम्योपैथिक दवाएं वितरित की गई थी, जिसके सेवन से उनको काफी फायदा हुआ है।
एक महीने में 11 लाख से अधिक लोगों को दी गई होम्योपैथिक दवांए- आयुष विभाग की ओर से 20 मई को 48971 होम क्वारंटीन व होमआइसोलेटेड मरीजों को दवाएं बांटी गई थी। इसमें सबसे अधिक 38481 मरीजों को होम्योपैथिक दवाएं दी गई थी जबकि 9349 मरीजों को आयुर्वेदिक और 1141 मरीजों को यूनानी दवाएं वितरित की गई थी। वहीं, आयुष विभाग की ओर से डेढ़ महीने में 11,40, 8032 मरीजों ने होम्योपैथिक दवाओं को चुना जबकि 14,42,96 मरीजों को आयुर्वेदिक दवाओं का वितरण किया गया।