कोरोना काल के बाद व्यापारी तथा उद्योगपति बैंकों में अपनी ईएमआई नहीं दे पा रहे हैं। व्यापारियों द्वारा दी गयी उधारी वापिस नहीं आ रही है। उपभोक्ता की जेब में दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुओं के खरीदने के लिये पर्याप्त पैसा नहीं है। इस कारण से मध्यमवर्गीय व्यापार एवं उद्योग पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में यह कर वृद्धि जो आवश्यक वस्तुओं पर की गयी है, नहीं की जानी चाहिये। बल्कि इसकी जगह मध्यमवर्गीय व्यापारियों और उद्योगपतियों को अलग से इन्सेन्टिव्ज दिए जाने चाहिए। उन्होंने बताया कि मंडियों, दाल मिलों, आटा मिलों, आटा चक्कियों जैसी आवश्यक वस्तुओं का कार्य करने वाले खुदरा व्यापारी 16 जुलाई को एक दिन का व्यापार बंद रखकर विरोध-प्रदर्शन करेंगे।
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पत्नी ने पति से कराया युवती का दुष्कर्म, इंस्टाग्राम पर अपलोड कर दिया वीडियो, जब भाई ने देखा… प्रधानमंत्री को दे चुके ज्ञापन भारतीय उद्योग व्यापार मंडल द्वारा प्रधानमंत्री को ज्ञापन दिया जा चुका है। लेकिन किसी तरह आश्वासन नहीं मिला। इस लिए अब व्यापारियों ने भारत बंद के अंतर्गत एक दिन कारोबार बंद करने का ऐलान किया है। 16 जुलाई को बंदी करेंगे।