लखनऊ में बुधवार को सपा मुख्यालय पर नवगठित राज्य कार्यकारिणी समिति की पहली बैठक हुई। इसे संबोधित करते हुए अखिलेश ने कहा, “सपा यूपी की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। अगर कांग्रेस के साथ इंडिया की साझेदारी बनी रही तो सपा 65 से कम सीटों पर चुनाव नहीं लड़ेगी।
दरअसल मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में सीटें बंटवारें पर कांग्रेस और सपा के विवाद खड़ा हो गया था। दोनों के नेता एक दूसरे आरोप प्रत्यारोप लगा रहे थे। कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में सपा के लिए कोई सीट नहीं छोड़ी। इसके बाद सपा ने एमपी की 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए।
इस मुद्दे पर अखिलेश ने कहा कि हमने मध्य प्रदेश में कांग्रेस से केवल छह सीटें मांगीं थी, जहां सपा मजबूत स्थिति में है। लेकिन कांग्रेस पीछे हट गई और 2018 के चुनावों में एसपी द्वारा जीती गई सीट पर भी अपना उम्मीदवार खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा, ”हमने एमपी में उम्मीदवार उतारे हैं और हम वहां प्रचार करने भी जाएंगे।”
सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं से कोई भी फालतू बयान न देने की अपील करते हुए यादव ने कहा, ”राष्ट्रीय नेतृत्व की नीतियों और निर्देशों के मुताबिक बयान दें। पार्टी के भीतर किसी भी गुटबाजी में शामिल न हों, बल्कि बूथ और संगठन स्तर पर पार्टी को मजबूत करने पर ध्यान दें। इसी के साथ सपा प्रमुख ने नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा कि भाजपा के झूठ और दुष्प्रचार तथा शासन के सभी स्तरों पर विफलता” को उजागर करने के लिए लगन से काम करें।
सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने पार्टी के भीतर किसी भी गुटबाजी के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि जो लोग पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हों। उन्हें तुरंत बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए। सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने कार्यकर्ताओं से पार्टी को मजबूत करने और भाजपा सरकार को हटाने के लिए समन्वय और सहयोग पर जोर देने का आह्वान किया।