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अनिल अंबानी का सबसे बुरा दौर आना है बाकी, आखिरी कश्ती में भी हो रहा छेद

और बढ़ेंगी अनिल अंबानी की मुश्किलें
आखिरी कश्ती में भी होने लगा छेद
12 महीने में 76 फीसदी गिरा मार्केट कैप

May 09, 2019 / 09:07 am

manish ranjan

Anil Ambani

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नई दिल्ली। बीते कुछ सालों में एक ओर जहां बड़े भाई मुकेश अंबानी लगातार तरक्की करते जा रहे हैं। वहीं छोटे भाई अनिल अंबानी की हालत खराब होती जा रही है। बड़े भाई मुकेश अंबानी ने एक दो बार अनिल अंबानी की मुश्किलें कम करनी भी चाही, लेकिन हालात में कोई खास बदलाव नहीं आया। लेकिन मुकेश अंबानी के आगे आने से लोगों को लगा कि अब छोटे भाई की गाड़ी पटरी पर आ जाएगी। अगर आप भी सोच रहे है कि अनिल की मुश्किलें कम हो जाएंगी तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। उल्टा अनिल की आखिरी किश्ती में भी छेद होने लगा है।
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दिवालिया के कगार पर आरकॉम

पहले ही मुसीबतें झेल रही अनिल अंबानी की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस कम्यूनिकेशन (आरकॉम) के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई औपचारिक रूप से शुरू हो गई। अनिल अंबानी की आरकॉम पर 31 बैंकों का करीब 50,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। आरकॉम ने सबसे अधिक कर्ज भारतीय स्टेट बैंक (SBI) से लिया है। रिलायंस ने रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल का चयन करने के लिए तीन मई को बैठक भी की थी। एनसीएलटी की मुंबई बेंच में अगली सुनवाई 30 मई को होगी। कर्ज में डूबी आरकॉम का ऑपरेशन दो साल पहले ही बंद हो गया था।
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आखिरी किश्ती में भी हो रहा छेद

ये तो हुई अनिल अंबानी की कंपनी आरकॉम की बात, अब बात करते हैं अनिल अंबानी की इकलौती सुरक्षित कंपनी रिलायंस कैपिटल की। अनिल अंबानी के आखिरी सुरक्षित एसेट रिलायंस कैपिटल में भी अब धीरे-धीरे गिरावट हो रही है और इसने अपनी नियोजित 2 बिलियन डॉलर के एसेट की बिक्री की तैयारियां करनी शुरू कर दी हैं।
केवल 11 करोड़ का कैश रिजर्व

हालत यह हो गई है कि अनिल अंबानी के ग्रुप की सबसे सुरक्षित माने जाने कंपनी के पास अब केवल 11 करोड़ का ही कैश रिजर्व रह गया है। और जो मौजूदा हालात पूरे ग्रुप की अभी है ऐसे में गिरते हुए मार्केट कैपिटल को देखते हुए दूर दूर तक कोई सुधार की उम्मीद नही दिख रही है।
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12 महीने में 76 फीसदी गिरा मार्केट कैप

अनिल अंबनी ग्रुप की कंपनी रिलायंस निपॉन को छोड़ दिया जाए तो ग्रुप का कुल मार्केट कैप बीते एक साल में 76 फीसदी तक गिर चुका है। यहां गौर करने वाली बात है कि ग्रुप की इस हालत की जिम्मेदार आरकॉम, आरपावर, आरइन्फ्रा और रिलायंस नवल ऐंड इंजीनियरिंग है। आपको बता दें कि ये चार कंपनियां ग्रुप के 60 फीसदी कर्जे के लिए जिम्मेदार हैं।
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