अमित अग्रवाल ने दिया इस्तीफा
अमित अग्रवाल ने इस्तीफा देते समय कहा कि मैं सूचित करना चाहता हूं कि मैं व्यक्तिगत कारणों से अपनी सेवाओं से त्यागपत्र दे रहा हूं। कंपनी के हालात के कारण मैं इस्तीफा नहीं दे रहा हूं। इसके साथ ही आपको बता दें कि अभी तक जेट को बचाने के लिए कोई भी कंपनी आगे नहीं आई है, जेट के कर्मचारियों काफी परेशानियों से गुजर रहे हैं। हालांकि जेट के ही अंतरराष्ट्रीय सहयोगी एतिहाद ने हिस्सेदारी खरीदने की इच्छा जताई है, लेकिन अभी तक इसके लिए कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है।
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बैंकों ने भी खड़े किए हाथ
जेट जिस तरह की परेशानियों का सामना कर रही है। उसके लिए कंपनी को कम से कम 15,000 करोड़ के निवेश की जरूरत है। फिलहाल इस समय जेट एयरवेज की मदद करने के लिए कोई भी तैयार नहीं है। कंपनी को किसी बैंक की भी मदद नहीं मिल रही है। जेट एयरवेज को बैंकों ने भी मदद देने से हाथ खड़े कर दिए थे। इस समय जेट एयरवेज पर कुल 8,500 करोड़ का कर्ज है।
नरेश गोयल के करीबी हैं अमित अग्रवाल
आपको बता दें कि दिसंबर 2015 में अमित अग्रवाल जेट एयरवेज के साथ जुड़े थे। अमित अग्रवाल को जेट के संस्थापक नरेश अग्रवाल का करीबी माना जाता रहा है। इससे पहले अमित सुजलोन एनर्जी में चीफ फाइनेंशल ऑफिसर थे। इतना ही नहीं, वह अर्सेलर मित्तल और एस्सार स्टील जैसी कंपनियों से भी जुड़े रह चुके हैं।
एतिहाद कर सकती है निवेश
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लोगों का मानना है कि एतिहाद जेट में 1700 करोड़ रुपए का निवेश कर सकती है। एतिहाद ने जेट की उधारी चुकाने के बारे में कोई वादा नहीं किया है, लेकिन खबरें आ रही हैं कि जेट को बचाने के लिए एतिहाद आगे आ सकती है।
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