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समय रहते बन सकती है मतभेद पर सहमति
हाल ही में कंपनी की शीर्ष अधिकारियों के बीच आपसी मदभेद को लेकर उन्होंने कहा कि कुछ मसलों पर आपसी मतभेद हैं, लेकिन कंपनी का ट्रैक रिकाॅर्ड बेहतर है जिसकी वजह से समय रहते ही इसे सुलझाया जा सकता है। अगर मौजूदा मतभेद को समय रहते नहीं सुलझाया गया तो यह सब खुलकर सामने आ जाएगा। बता दें कि गत 16 मर्इ कंपनी के संस्थापक राहुल भाटिया आैर राकेश गंगवाल के बीच मतभेद के मामले सामने आए थे।
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अक्टूबर के बाद इंटरग्लोब एंटरप्राइज को मिल जाएंगे विशेषाधिकार
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, भाटिया के पक्ष में शेयरहोल्डर्स का रुख आैर कंपनी के भविष्य को लेकर स्ट्रैटेजी समेत कर्इ मुद्दों पर दोनों में मतभेद हैं। आगामी अक्टूबर माह में खत्म हो रहे अग्रीमेंट के बाद, भाटिया की होल्डिंग कंपनी इंटरग्लोब एंटरप्राइज ( InterGlobe Enterprize ) को यह अधिकार मिल जाएगा कि वह प्रबंध निदेशक, मुख्य कार्यकारी अधिकारी व अध्यक्ष समेत कर्इ प्रमुख पदों पर खुद नियुक्ति कर सकती है। इंटरग्लोब एंटरप्राइज के पास इसका भी अधिकार होगा कि वह तीन स्वतंत्र निदेशक की भी नियुक्ति कर सकती है, जिसमें से एक नाॅन-रिटायरिंग होगा।
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आरजी ग्रुप के पास भी विशेष अधिकार
एक बयान में दत्त ने गंगवाल का नाम लेते हुए कहा कि उनकी कंपनी फैमिली होल्डिंग कंपनी आरजी ग्रुप की कोर्इ मंशा नहीं है कि वो कंपनी की नियंत्रण अपने हाथों में ले या शेयरधारकों से अग्रीमेंट को लेकर कोर्इ मोलभाव करे। दूसरी तरफ आरजी ग्रुप के पास एक गैर-स्वंतत्र निदेशक की नियुक्ति करने का अधिकार है। दोनों के बीच वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर पहले भी मतभेद की खबरें आ चुकी हैं।
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