बैकुंठपुर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता फूलमति को 22 मार्च सुबह 6.50 बजे अपने घर के सामने एक लावारिस हालत में एक नवजात बच्ची मिली। इसकी जानकारी उसने ग्राम पंचायत मुरमा सरपंच उदय सिंह को दी। मामले में पंच अमरेश कुमार, कार्यकर्ता फूलमति, एमपीडब्ल्यू रीना व ललिता बच्ची को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे।
आज भी जारी है भेदभाव
गौरतलब है कि केंद्र व राज्य सरकार बेटी बचाने, बेटी पढ़ाने को लेकर लगातार अभियान चलाकर आम जनता को जागरूक कर रही है और नोनी सुरक्षा योजना, सुकन्या समृद्धि योजना सहित अन्य योजनाएं चला रही है। बावजूद ग्रामीण अंचल में आज भी बेटी व बेटा में भेदभाव जारी है।
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