scriptBreaking News: छत्तीसगढ़ में पहली बार जीआईएस-जीपीएस और इलेक्ट्रिक व्हीकल इंजीनियरिंग की होगी पढ़ाई | Breaking news: For the first time in CG, GIS-GPS and Electric Vehicle Engineering will be taught | Patrika News
कोरीया

Breaking News: छत्तीसगढ़ में पहली बार जीआईएस-जीपीएस और इलेक्ट्रिक व्हीकल इंजीनियरिंग की होगी पढ़ाई

Breaking news: स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई से नए जमाने के इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स को मंजूरी मिली, नए पॉलीटेक्निक कॉलेज चिरमिरी में जीआईएस-जीपीएस और जशपुर-बगीचा में इलेक्ट्रिक व्हीकल डिप्लोमा कोर्स को मंजूरी

कोरीयाAug 03, 2024 / 08:20 pm

rampravesh vishwakarma

Breaking news
बैकुंठपुर. Breaking news: छत्तीसगढ़ में पहली बार जीआईएस-जीपीएस (जियोग्राफिक इंफॉर्मेशन सिस्टम एंड ग्लोबल पॉजिशनिंग सिस्टम) और इलेक्ट्रिक व्हीकल में डिप्लोमा इंजीनियरिंग की पढ़ाई होगी। छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई (सीएसवीटीयू) से नए जमाने के इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स की मंजूरी मिल चुकी है। नए शिक्षण सत्र 2024-25 से चिरमिरी और जशपुर-बगीचा में खुलने वाले नए पॉलीटेक्निक 60-60 सीटों पर दाखिला दिया जाएगा।
हम आपको बता दें कि चिरमिरी में शुरू होने वाले दोनों डिप्लोमा कोर्स नए जमाने के मॉडर्न टेक्नोलॉजी कोर्स हैं। एक्सपर्ट कहते हैं जीआईएस एक ऐसी उन्नत तकनीक है, जिसे पूरी दुनिया तेजी से अपना रही है। भारत में भी नई तकनीक प्रयोग में लाई जा रही है। इससे इस क्षेत्र से कोर्स करने वालों के लिए अपार संभावनाएं हैं।
Breaking news
जीआईएस-जीपीएस कोर्स की तकनीकी बाजार में मांग बढऩे लगी है। यह सेक्टर तेजी से आगे बढ़ रहा है। दोनों नए कोर्स में व्यापमं के माध्यम से आयोजित पीपीटी स्कोर के आधार पर एडमिशन मिलेगा।
सीएसवीटीयू में अभी तक परंपरागत इंजीनियरिंग में डिप्लोमा-डिग्री कोर्स पढ़ाई जा रही है। इसमें सीएस-आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्यूनिकेशन, सिविल, मेकेनिकल, माइनिंग, केमिकल, प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी सहित अन्य कोर्स शामिल हैं।

यह भी पढ़ें
CG coal mines accident: कोयला खदानों में सुरक्षा मापदंडों की अनदेखी से बढ़ रही दुर्घटनाएं, 6 साल में 50 कर्मियों की मौत

क्या है जीआईएस-जीपीएस?

जीआईएस-जीपीएस एक ऐसी तकनीक है, जिससे विभिन्न प्रकार के एडवांस सॉफ्टवेयर की मदद से टारगेट एरिया की मैपिंग होती है। इसका उपयोग अर्थ साइंस, एग्रीकल्चर, डिफेंस, न्यूक्लियर साइंस, आर्किटेक्चर, टाउन प्लानर, मैपिंग, मोबाइल में खूब अधिक होता है। जीआईएस का इस्तेमाल करने वाली कंपनियां भी अपनी कार्य-प्रणाली के हिसाब से कुछ खास तरह की जीआईएस का उपयोग कर रही हैं।
Breaking news
स्टूडेंट्स जीपीएस-जीआईएस डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स के बाद आगे बीटेक-एमटेक और पीएचडी की पढ़ाई कर विशेषज्ञ बन सकते हैं। इसमें जियोग्राफिक इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, फोटोग्रामैट्री, जीआईएस एप्लीकेशन, जीआईएस डेवलपमेंट, जियोस्टेटिस्टिक, जीआईएस प्रोजेक्ट डेवलपमेंट, वेब जीआईएस सहित अन्य शामिल हैं।
यह भी पढ़ें
High-tech Education: कैसे मिलेगी हाइटेक शिक्षा? हर जगह नया वर्जन, लेकिन यहां 41 साल पुराने उपकरणों से पढ़ाई कर रहे छात्र

नए कोर्स सरगुजा के हिस्से में

शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज अंबिकापुर के प्राचार्य आरजे पांडेय ने बताया कि चिरमिरी में नए सत्र से जीपीएस एंड जीआईएस और जशपुर-बगीचा में इलेक्ट्रिक व्हीकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कार्स प्रारंभ किए जाएंगे।
इसकी सीएसवीटीयू से मंजूरी मिल चुकी है। दोनों ही एडवांस कोर्स सरगुजा के हिस्से आए हैं। नए सत्र 2024-25 से दाखिला मिलेगा। नए जमाने के दोनों कोर्स की छत्तीसगढ़ में पहली बार पढ़ाई कराई जाएगी।

Hindi News/ Koria / Breaking News: छत्तीसगढ़ में पहली बार जीआईएस-जीपीएस और इलेक्ट्रिक व्हीकल इंजीनियरिंग की होगी पढ़ाई

ट्रेंडिंग वीडियो