Trafficking in persons: इस बीच पुलिस ने दोनों को ढूंढ निकाला। ममता बड़ा की गिरफ्तारी स्टेशन रोड सक्ती से की गई है। जबकि राजेंद्र कुमार पटेल को उसके गृहग्राह कनेटी सक्ती से पकड़ा गया है। दोनों दोषियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर सजा काटने के लिए जेल भेज दिया है। बताया जाता है कि वर्ष 2015 में सिविल लाइन थाना रामपुर (पूर्व में चौकी) मानव तस्करी का एक मामला दर्ज किया गया था।
इसमें वनांचल ग्राम लेमरू क्षेत्र की एक नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर बाहर ले जाया गया था। मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने आरोपियों पर अपहरण और मानव तस्करी का केस दर्ज किया था। मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही थी। कोर्ट ने आरोपी ममता बड़ा और राजेंद्र पटेल को अपहरण और मानव तस्करी का दोषी माना था। दोनों को आजीवन कारावास की सजा दी थी।
उन्हें सजा काटने के लिए सेंट्रल जेल बिलासपुर भेजा गया था। दोनों दोषियों ने सेंट्रल जेल में व्यवहार अच्छा किया तो उन्हें जेल प्रशासन की ओर से पैरोल पर कुछ दिन के लिए रिहा किया गया था। लेकिन दंपति पैरोल खत्म होने के बाद भी सेंट्रल जेल में उपस्थित नहीं हुए, इसके बाद पुलिस ने खोजबीन की तो संबंधित पते पर नहीं मिले। दोनों से संबंधित गिरफ्तारी वारंट पुलिस के पास था। पुलिस दोनों की तलाश कर रही थी।
Anti-human trafficking efforts: इस बीच पुलिस को सूचना मिली कि राजेंद्र पटेल अपने गृहग्राम सक्ती के कनेटी में रह रहा है। पुलिस ने राजेंद्र को गिरफ्तार कर लिया। उससे हुई पूछताछ में पता चला कि ममता बड़ा भी सक्ती के स्टेशन पारा में रहती है। पुलिस की एक टीम उसे भी गिरफ्तार करने के लिए भेजी गई थी। ममता भी पुलिस के हत्थे चढ़ गई।
ममता लेमरू थाना क्षेत्र की रहने वाली है। उसने राजेंद्र पटेल से प्रेम विवाह कर लिया था। पुलिस का कहना है कि लंबे समय से फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है। इसी कड़ी में ममता व राजेंद्र की गिरफ्तारी हुई है। अलग-अलग मामलों में फरार अन्य आरोपियों की भी पतासाजी की जा रही है।