‘हमने सदन को बार-बार स्थगित किया…’
जगदंबिका पाल ने मीडिया से कहा, “हमने सदन को दो बार स्थगित किया। हमने विपक्ष के सुझाव पर ही मीरवाइज उमर फारूक को समय दिया था। कल्याण बनर्जी ने मेरे खिलाफ असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया और मुझे गाली दी। मैं उनसे आमंत्रितों को बोलने देने का अनुरोध करता रहा। हालांकि, वे हंगामा करने पर अड़े रहे। हमने सदन को बार-बार स्थगित किया लेकिन वे (विपक्षी सांसद) बैठक जारी नहीं रखना चाहते थे। जम्मू-कश्मीर से एक प्रतिनिधिमंडल आया था लेकिन विपक्षी सांसद चिल्लाते रहे और नारे लगाते रहे… इसलिए आखिरकार निशिकांत दुबे को एक प्रस्ताव पेश करना पड़ा और सभी ने उन्हें निलंबित करने पर सहमति जताई।”
ये सांसद हुए सस्पेंड
दिल्ली विधानसभा चुनावों के कारण जेपीसी बैठक की कार्यवाही जल्दबाजी में करने के आरोपों का जवाब देते हुए, वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि यह केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू थे जिन्होंने स्पीकर से विधेयक को JPC को भेजने का आग्रह किया था, न कि विपक्ष ने। इससे पहले दिन में, वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का हिस्सा रहे सभी विपक्षी सांसदों को शुक्रवार की बैठक से निलंबित कर दिया गया। निलंबित सांसदों में मोहम्मद जावेद, तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता कल्याण बनर्जी, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) नेता ए राजा, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM ) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और नासिर हुसैन, समाजवादी पार्टी (SP) नेता मोहिबुल्लाह नदवी, एम. अब्दुल्ला, शिवसेना (UBT) नेता अरविंद सावंत, नदीमुल हक और कांग्रेस के इमरान मसूद शामिल हैं। वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति की बैठक के दौरान हुए हंगामे के बाद शुक्रवार को विपक्ष के 10 सांसदों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया । बैठक के बाद टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल पर विपक्ष की बात न सुनने और कार्यवाही को ‘जमींदारी’ की तरह चलाने का आरोप लगाया।