16 टरबाइन से हो रहा उत्पादन इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर में कुल आठ-आठ टरबाइन लगाई गई हैं। इसमें ओंकारेश्वर बांध में 65 मेगावाट के 8 टरबाइन से 520 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाता है। जबकि इंदिरा सागर में 125 मेगावट की आठ टरबाइन लगी हुई हैं। इससे 1000 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। इस तरह देानों को मिलाकर 1720 मेगावाट बिजली का उत्पादन लगातार किया जा रहा है।
सिंगाजी में दिन में एक और रात में चल रही दो यूनिट गर्मी और तापमान के बढऩे के चलते बिजली की खपत बढ़ गई है। एेसे में सिंगाजी थर्मल पॉवर प्लांट से भी बिजली उत्पादन किया जा रहा है। दिन के समय एक यूनिट 300 मेगावाट बिजली उत्पादन कर रही है। जबकि शाम को दोनों यूनिट से बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। इससे रात के समय 600 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है।
पितृपक्ष में बड़ी संख्या में श्रद्धालु ओंकारेश्वर में अपने पितरों को जल देने और भोलेनाथ के दर्शन करने आ रहे हैं। एेसे में घाटों पर स्नान करने वालों की भीड़ लगी हुई है। वहीं टरबाइन से पानी भी छोड़ा जा रहा है। इससे ओंकारेश्वर में नर्मदा का जल स्तर काफी बढ़ गया है। इसे देखते हुए घाटों पर सुरक्षा-व्यवस्था बढ़ा दी गई है। होमगार्ड और पुलिस विभाग के जवान निरंतर घाटों पर सर्चिंंग करके पानी में नहीं जाने की सलाह दे रहे हैं।