पं. मनावत ने कहा कि बच्चों को 5 वर्ष तक भरपूर लाड़ प्यार देना चाहिए। 13 वर्ष की आयु तक उन्हें विधि निषेध अर्थात सही और गलत का अभ्यास कराना चाहिए। बच्चों को 6 वर्ष तक के आयु तक सिर्फ स्वयं सीखने दें। उन्हें सिखाना कुछ भी नहीं है। पढ़ाने के चक्कर में हम बच्चों का बचपन छीन रहे हैं । गूगल सिर्फ सूचना दे सकता है संस्कार नहीं, इसलिए गुरु तत्व की महिमा कभी समाप्त नहीं होगी। पं. मनावत ने लव, कुश, ध्रुव और प्रह्लाद के बाल्यकाल को चित्रित करते हुए उनकी कथाएं सुनाई। समापन दिवस पर कथा में महामंडलेश्वर स्वामी विवेकानंद पुरी का आगमन हुआ। कथा में विधायक देवेंद्र वर्मा, नगर निगम अध्यक्ष अनिल विश्वकर्मा, राजेन्द्र अग्रवाल, रवींद्र बंसल, भूपेन्द्र सिंह चौहान, योगिता माहेश्वरी, विमल खंडेलवाल सहित श्रद्धाल शामिल हुए।
अच्छे मन से पवित्र उद्देश्य को लेकर कार्य करने से मिलेगी सफलता : मप्र वैश्य महासम्मेलन के गठन का उद्देश्य वैश्य बंधुओं के हितों की रक्षा और संरक्षण है। अच्छे मन से पवित्र उद्देश को लेकर कार्य करने से सफलता अवश्य मिलेगी। प्रतिमाह कोई न कोई कार्यक्रम अवश्य करें। समाज के हितों की सुरक्षा में आशातीत सफलता मिल रही है। यह बात वैश्य महासम्मेलन खंडवा संभाग की बैठक में महासम्मेलन प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कही। बुधवार को महासम्मलेन की बैठक लखनलाल नागौरी की अध्यक्षता व जिला इकाई अध्यक्ष ओमप्रकाश अग्रवाल के नेतृत्व में हुई। बैठक में खंडवा संभाग के खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर व खंडवा जिले के पदाधिकारी उपस्थित हुए।