हाइपर टेंशन की चपेट में 34 हजार जिले में गैर संचारी ( बीपी, शुगर, कैंसर ) रोगों पर नियंत्रण के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव-गांव में अब तक 6.19 लाख में से 4.45 लाख यानी 74 % लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। इसमें तीस प्लस आयु वर्ग के लोग शामिल हैं। जांच के दौरान 34 हजार 997 ( 24 % ) लोग हाइपरटेंशन ( बीपी ) की चपेट में मिले हैं। इसमें 6 हजार 808 मरीज रेगुलर इलाज ले रहे। शेष 29 हजार से अधिक लोग जिंदगी को लेकर लापरवाह बने हुए हैं। सरकार ने ऐसे लोगों को इलाज देने और फालोअप के लिए प्रदेश में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विशेष अभियान शुरू किया है।
शुगर की चपेट में 21 हजार लोग जिले में अब तक स्क्रीनिंग के दौरान डायबिटिक ( शुगर ) के 21 हजार 994 मरीज चिह्नित किए गए है। इसमें सिर्फ 4 हजार 446 लोग रेगुलर इलाज ले रहे। शेष जांच कराने के बाद दवा लेने नहीं पहुंच रहे हैं। सरकार ने गैर संचारी रोगों के तहत चिह्नित लोगों को इलाज देने विशेष अभियान शुरू किया है। अभियान के दौरान बीपी व शुगर को फालोअप करेंगे। इस दौरान कैंसर रोगियों की पहचान की जाएगी। गांव-गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम स्क्रीनिंग करने में जुटी है। अभियान के तहत जिला अस्पताल में नोडल अधिकारी डॉ विशाल श्रीवास्तव मरीजों को फालोअप के लिए बुला रहे हैं। शनिवार को जिला अस्पताल में कई मरीज पहुंचे। जिनको दवाएं दी गईं।
41 दिन 4,344 की जांच, बीपी के 559, शुगर के 335 मरीज मेडिकल कालेज अस्पताल में गैर संचारी केंद्र पर एक दिसंबर से अब तक यानी 41 दिन के भीतर चार हजार 344 लोगों ने बीपी, शुगर की जांच कराई। इसमें बीपी के 559 मरीज और शुगर के 335 मरीज मिले। दिसंबर से अब तक बीपी के मरीजों में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या अधिक हैं। पुरुष 259 व महिलाएं 300 चिह्नित की गई हैं। इसी तरह 345 मरीजों में 181 पुरुष और 164 महिलाओं को शुगर मिला है। शुगर की रिपोर्ट में महिलाओं की तुलना में पुरुष अधिक है।
पायलट प्रोजेक्ट में शामिल खंडवा सरकार गैर संचारी रोगों ( बीपी, शुगर, कैंसर ) पर नियंत्रण के लिए विशेष अभियान शुरू किया है। इसमें प्रदेश के पांच जिलों के साथ पायलट प्रोजेक्ट में खंडवा को शामिल किया है। इस अभियान में मध्य प्रदेश के 5 जिले हरदा, अशोकनगर, शाजापुर, राजगढ़ को पायलट परियोजना में चयनित किया गया है।वर्जनशासन ने गैर संचारी रोगों पर नियंत्रण के लिए खंडवा को पायलट प्रोजेक्ट में शामिल किया है। ग्राम स्तर पर लोगों को गैर संचारी रोगों के लक्षण की पहचान एवं नियमित दवा के सेवन के लिए जागरूक किया जाएगा। स्क्रीनिंग की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है। चिह्नित मरीजों को फालोअप कराएंगे। और उन्हें रेगुलर इलाज देकर रोगों का नियंत्रण किया जाएगा।डॉ ओपी जुगतावत, सीएमएचओ