राज्य सरकार की ओर से 10 जनवरी तक आमजन से सुझाव मांगे गए थे। इनके माध्यम से बड़ी संख्या में युवाओं ने राजीव गांधी प्रेरकों की बहाली, संविदाकर्मियों के नियमन की मांग की है।
शिक्षा और चिकित्सा विभाग में भर्तियों के अवसर बढ़ाने की मांग
युवाओं की ओर से शिक्षा-चिकित्सा सहित अन्य विभागों में नियमित और पारदर्शी तरीके से भर्ती का मुद्दा उठाया है, वहीं भर्ती कैलेण्डर तय कर उसकी पालना कराने का सुझाव भी दिया।
किसानों के लिए ये
किसानों की सब्सिडी बढ़ाने और एमएसएमई को प्रोत्साहन देने की मांग उठाई गई है, वहीं रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए स्किल डवलपमेंट पर फोकस करने का सुझाव भी आया है।
नियमित बिजली सप्लाई को लेकर सुझाव
लोग अगले बजट में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार, नियमित बिजली सप्लाई और गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी भी चाहते हैं। इसके लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के रूप में क्रमोन्नत करने, यूनानी चिकित्सालय बढ़ाने जैसे सुझाव भी आए हैं। कर्मचारियों के भी आए सुझाव
राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना (आरजीएचएस) से संबंधित परेशानियां दूर की जाएं।वेतन विसंगतियां दूर की जाएं और संविदाकर्मियों को नियमित करने का रास्ता निकाला जाए।
अब विभिन्न वर्गों से होगी बजट पर चर्चा
विधानसभा में इसी माह 31 तारीख को बजट सत्र शुरू होने वाला है, जिसकी शुरुआत राज्यपाल हरिभाऊ बागडे के अभिभाषण से होगी। इससे पूर्व सरकार की ओर से व्यापारियों, किसानों, महिलाओं, युवाओं और स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों से बजट को लेकर चर्चा की जाएगी। बजट पूर्व की जाने वाली इन बैठकों का दौर इसी सप्ताह शुरू हो जाएगा।