बरगी डैम से नर्मदा नदी होशंगाबाद 36-40 घंटे 302 किमी
तवा डैम से नर्मदा नदी होशंगाबाद 6-8 घंटे 40 किमी
नर्मदा होशंगाबाद से इंदिरासागर बांध 12-14 घंटे 170 किमी
इंदिरासागर बांध से ओंकारेश्वर बांध 5-8 घंटे 50 किमी
ओंकारेश्वर बांध से नर्मदा मंडलेश्वर 6-8 घंटे 45 किमी
मंडलेश्वर से सरदार सरोवर परियोजना 12-15 घंटे 224 किमी
बांधों से पानी छोडऩे के बाद नर्मदा उफान पर है। जिसे देखते हुए नर्मदा किनारे स्थित पुनासा और हरसूद ब्लॉक के 24 ग्रामों को हाई अलर्ट पर रखा है। जहां सुरक्षा के बंदोबस्त किए गए हैं। इंदिरा सागर बांध के गेट खोलने की स्थिति सात वर्षों बाद बनी है। पिछले वर्षों में सामान्य बारिश होने से बांध पूरा नहीं भर पाया। इस वर्ष भारी बारिश होने से इंदिरा सागर बांध लबालब हो गया। बांध का जलस्तर 261.12 मीटर तक पहुंच गया। इससे पहले 3 सितंबर 2012 को बांध के सभी 20 गेट और 8 सितंबर 2012 को 12 गेट खोल बांध का जलस्तर नियंत्रित किया था।
262.13 बांध का निर्धारित जलस्तर
261.12 बांध का वर्तमान जलस्तर
20 में से बांध के 12 गेट खोले गए
1500 क्यूमेक्स पानी गेटों से छोड़ा जा रहा
1840 क्यूमेक्स पानी आठ टरबाइन से छोड़ा
193.00 बांध का निर्धारित जलस्तर
192.80 बांध का वर्तमान जलस्तर
12 में से बांध के 5 गेट खोले गए
1395 क्यूमेक्स पानी गेटों से छोड़ा जा रहा
1920 क्यूमेक्स पानी टरबाइन से छोड़ा
इंदिरा सागर बांध परियोजना खंडवा जिले में पुनासा से 10 किमी दूर नर्मदा नदी के दाएं तट पर स्थित है। इसकी आधारशिला पूर्व प्रधानमंत्र इंदिरा गांधी ने 23.10.1984 को रखी। परियोजना में विद्युत क्षमता 1000 मेगावाट बिजली बनाकर 2698.00 मिलियन यूनिट का वार्षिक विद्युत उत्पादन के लिए डिजाइन किया गया है। सितम्बर 2000 में इस बांध के काम होने के समय इसकी लागत करीब 4355.57 करोड़ थी। इंदिरा सागर बांध 653 मीटर लंबा है। यह जमीन से 92 मीटर ऊंचाई पर बना है। बांध में कुल 14.00 लाख घनमीटर की कांक्रिट की है। बांध में 20 मीटर चौड़ाई के 12 मुख्य स्पिलवे ब्लॉक और 8 वैकल्पिक स्पिलवे ब्लॉक हैं। जल स्तर नियंत्रित करने के लिए 20 मीटर चौड़े और 17 मीटर ऊंचे 20 रेडियल गेट लगे हैं। यहां पावर स्टेशन में 125 मेगावाट के 8 फ्रांसिस टरबाइन लगाए गए हैं। बिजली उत्पादन के बाद पानी को 850 मीटर लंबी टेल रेस चैनल से फिर नर्मदा नदी में प्रवाहित किया जाता है।
बांधों के गेट खोले जाने की जानकारी पूर्व से होने के कारण बांधों के आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त कराए गए। ओंकारेश्वर में घाट खाली कराकर श्रद्धालुओं की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया है। वहीं पुनासा व हरसूद के नर्मदा किनारे स्थित 24 ग्रामों को अलर्ट पर रखा है। ग्रामों में तैनात अधिकारी लगातार स्थितियों का जायजा ले रहे हैं।
तन्वी सुन्द्रियाल, कलेक्टर खंडवा