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खंडवा

सात साल बाद फुल हुआ भारत का सबसे ज्यादा पानी रखने वाला बांध

खंडवा जिले में नर्मदा पर बना है इंदिरासागर बांध के 12 और ओंकारेश्वर के 5 गेट खोले, ओंकारेश्वर में खेड़ी घाट तक पहुंचा पानी, प्रशासन ने नर्मदा किनारे किया अलर्ट, अभी और खुल सकते हैं चार और गेट

खंडवाAug 17, 2019 / 04:54 am

राजीव जैन

Indirasagar Dam Narmda Nagar

Indirasagar Dam Narmda Nagar

खंडवा. प्रदेश में लगातार बारिश के बाद सात साल बाद फुल हुआ भारत का सबसे ज्यादा पानी रखने वाला इंदिरा सागर बांध फुल हो गया है। जबलपुर जिले के बरगी बांध और होशंगाबाद के तवा बांध का पानी छोड़े जाने के बाद इंदिरा सागर बांध का जलस्तर नियंत्रित करने के लिए 16 अगस्त 2019 को इंदिरा सागर बांध के 12 गेट खोले गए। इसका पानी आगे ओंकारेश्वर बांध में जाने से वहां का जल स्तर मेनटेन करने के लिए उसके भी पांच गेट खोलने पड़े। इससे पहले 3 सितंबर 2012 को बांध के सभी 20 गेट खोले गए थे। मोटे तौर पर इसमें इतना पानी है कि पूरे भारत की 121 करोड़ की आबादी एक साल तक पीने के काम में ले सकती है। गणित के हिसाब से इंदिरा सागर बांध में 12,200,000,000 घन मीटर पानी स्टोर रहता है।
खंडवा जिले के पुनासा में नर्मदा नदी पर बने इंदिरा सागर बांध के कैचमेंट एरिया में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसे देखते हुए शुक्रवार सुबह 10.30 बजे बांध के चार गेट खोले। इसके बाद आवक बढ़ती देखकर शाम चार बजे चार और फिर शाम 6 बजे और चार गेट आधा-आधा मीटर तक खोले गए। इस तरह सात साल बाद इंदिरासागर बांध के 20 गेटों में से 12 गेट खोले जा चुके हैं। इनसे 1500 क्यूमेक्स पानी और सभी आठों टरबाइन से 1840 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। इंदिरासागर से पानी छूटने से ओंकारेश्वर बांध का जलस्तर बढ़ा है। जलस्तर नियंत्रित करने के लिए शाम 4 बजे ओंकारेश्वर बांध के पांच गेट खोले। इस दौरान गेटों से 1395 क्यूमेक्स और टरबाइन से 1920 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। इससे अंचल में नर्मदा नदी उफान पर है। प्रशासन ने जलस्तर बढ़ता देख खंडवा जिले के 24 गांवों में हाई अलर्ट जारी किया है। ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर में खेड़ी घाट तक पानी पहुंच गया है। इससे एहतियातन मंदिर के बाहर प्रशासन ने दुकानें खाली करा ली हैं। एनएचडीसी 15 अगस्त को ही बांध खोलने की संभावना के चलते पहले ही अलर्ट जारी कर चुका था।
नर्मदा पर बने बांधों में ऐसे आगे बढ़ता है पानी

गेट खुलने पर ऐसे आता है पानी समय दूरी
बरगी डैम से नर्मदा नदी होशंगाबाद 36-40 घंटे 302 किमी
तवा डैम से नर्मदा नदी होशंगाबाद 6-8 घंटे 40 किमी
नर्मदा होशंगाबाद से इंदिरासागर बांध 12-14 घंटे 170 किमी
इंदिरासागर बांध से ओंकारेश्वर बांध 5-8 घंटे 50 किमी
ओंकारेश्वर बांध से नर्मदा मंडलेश्वर 6-8 घंटे 45 किमी
मंडलेश्वर से सरदार सरोवर परियोजना 12-15 घंटे 224 किमी
Badwani Dutt temple in Narmda River
indira sagar IMAGE CREDIT: patrika
नर्मदा 131.800 मीटर, बड़वानी में श्रीदत्त मंदिर के गुंबद तक पानी

ओकारेश्वर के बाद आगे यह पानी खरगोन जिले में मंडलेश्वर, महेश्वर, कसरावद होकर बड़वानी तक जाता है। बड़वानी जिले में शुक्रवार रात राजघाट पर नर्मदा का जलस्तर 131.800 मीटर पहुंच गया है। राजघाट चारों तरफ से पानी से घिर गया है। राजघाट में पानी गांव के बस स्टैंड तक आ गया। श्री दत्त मंदिर के गुंबद तक पानी पहुंच गया है, इसके बाद भी लोग गांव खाली करने को राजी नहीं हो रहे। टापू बने राजघाट में कई डूब प्रभावित परिवार आज भी रुके हुए हैं। प्रशासन इन लोगों को यहां से निकालने के लिए पिछले कई दिनों से प्रयास कर रहा है। उसके बाद भी लोग मूल गांव छोडऩे को राजी नहीं हो रहे हैं। वहीं गुजरात स्थित सरदार सरोवर बांध के गेट नहीं खुलने और बिना पुनर्वास आ रही डूब के विरोध में गांवों में आंदोलन चल रहा है। डूब प्रभावित गांव अमलाली में शुक्रवार को प्रभावित क्रमिक अनशन पर बैठे रहे। इन्हें यहां से हटाने के लिए प्रशासनिक अमला भी पहुचा, लेकिन ये नहीं हटे।
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बांध का अधिकतम जल स्तर की क्षमता 262.13 निर्धारित
बांधों से पानी छोडऩे के बाद नर्मदा उफान पर है। जिसे देखते हुए नर्मदा किनारे स्थित पुनासा और हरसूद ब्लॉक के 24 ग्रामों को हाई अलर्ट पर रखा है। जहां सुरक्षा के बंदोबस्त किए गए हैं। इंदिरा सागर बांध के गेट खोलने की स्थिति सात वर्षों बाद बनी है। पिछले वर्षों में सामान्य बारिश होने से बांध पूरा नहीं भर पाया। इस वर्ष भारी बारिश होने से इंदिरा सागर बांध लबालब हो गया। बांध का जलस्तर 261.12 मीटर तक पहुंच गया। इससे पहले 3 सितंबर 2012 को बांध के सभी 20 गेट और 8 सितंबर 2012 को 12 गेट खोल बांध का जलस्तर नियंत्रित किया था।
Indirasagar Dam Punsa
IMAGE CREDIT: patrika
इंदिरा सागर बांध
262.13 बांध का निर्धारित जलस्तर
261.12 बांध का वर्तमान जलस्तर
20 में से बांध के 12 गेट खोले गए
1500 क्यूमेक्स पानी गेटों से छोड़ा जा रहा
1840 क्यूमेक्स पानी आठ टरबाइन से छोड़ा
Omkareshwar Dam Madhya pradesh
IMAGE CREDIT: patrika
ओंकारेश्वर बांध
193.00 बांध का निर्धारित जलस्तर
192.80 बांध का वर्तमान जलस्तर
12 में से बांध के 5 गेट खोले गए
1395 क्यूमेक्स पानी गेटों से छोड़ा जा रहा
1920 क्यूमेक्स पानी टरबाइन से छोड़ा
indira Sagar dam
IMAGE CREDIT: patrika
सन 2000 में कीमत 4355 करोड़ रुपए थी
इंदिरा सागर बांध परियोजना खंडवा जिले में पुनासा से 10 किमी दूर नर्मदा नदी के दाएं तट पर स्थित है। इसकी आधारशिला पूर्व प्रधानमंत्र इंदिरा गांधी ने 23.10.1984 को रखी। परियोजना में विद्युत क्षमता 1000 मेगावाट बिजली बनाकर 2698.00 मिलियन यूनिट का वार्षिक विद्युत उत्पादन के लिए डिजाइन किया गया है। सितम्बर 2000 में इस बांध के काम होने के समय इसकी लागत करीब 4355.57 करोड़ थी। इंदिरा सागर बांध 653 मीटर लंबा है। यह जमीन से 92 मीटर ऊंचाई पर बना है। बांध में कुल 14.00 लाख घनमीटर की कांक्रिट की है। बांध में 20 मीटर चौड़ाई के 12 मुख्य स्पिलवे ब्लॉक और 8 वैकल्पिक स्पिलवे ब्लॉक हैं। जल स्तर नियंत्रित करने के लिए 20 मीटर चौड़े और 17 मीटर ऊंचे 20 रेडियल गेट लगे हैं। यहां पावर स्टेशन में 125 मेगावाट के 8 फ्रांसिस टरबाइन लगाए गए हैं। बिजली उत्पादन के बाद पानी को 850 मीटर लंबी टेल रेस चैनल से फिर नर्मदा नदी में प्रवाहित किया जाता है।
ओंकारेश्वर में घाट पर श्रद्धालुओं की आवाजाही पर प्रतिबंध
बांधों के गेट खोले जाने की जानकारी पूर्व से होने के कारण बांधों के आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त कराए गए। ओंकारेश्वर में घाट खाली कराकर श्रद्धालुओं की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया है। वहीं पुनासा व हरसूद के नर्मदा किनारे स्थित 24 ग्रामों को अलर्ट पर रखा है। ग्रामों में तैनात अधिकारी लगातार स्थितियों का जायजा ले रहे हैं।
तन्वी सुन्द्रियाल, कलेक्टर खंडवा

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