scriptइसे कहते हैं मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती: 75 दिन में एक एकड़ में आलू की खेती से कमा रहे सवा लाख रुपये का मुनाफा | Success story of farmer potato farming in katni | Patrika News
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इसे कहते हैं मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती: 75 दिन में एक एकड़ में आलू की खेती से कमा रहे सवा लाख रुपये का मुनाफा

किसान मृत्युंजय सिंह सोलंकी ने दो साल से खेती में अमूलचूक परिवर्तन लाते हुए बंपर उत्पादन से न सिर्फ किसानों के लिए मिसाल बन गए हैं बल्कि जिले में उन्नत कृषक अवार्ड अपने नाम किया है। इसके अलावा परिवार को समृद्ध किया है। उत्पादन ऐसा कि कृषि जगत से जुड़े अधिकारी और बड़े-बड़े किसान भी हैरान हैं।

कटनीFeb 15, 2020 / 09:09 am

balmeek pandey

Potato farming is making millions of rupees profit for the farmer

Potato farming is making millions of rupees profit for the farmer

बालमीक पांडेय @ कटनी. मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती…। देश की कृषि के लिए समर्मित यह पंक्ति इन दिनों चरितार्थ हो रही है कटनी जिले के रीठी तहसील क्षेत्र अंतर्गत छोटे से गांव सुगवां में। जहां के किसान मृत्युंजय सिंह सोलंकी ने दो साल से खेती में अमूलचूक परिवर्तन लाते हुए बंपर उत्पादन से न सिर्फ किसानों के लिए मिसाल बन गए हैं बल्कि जिले में उन्नत कृषक अवार्ड अपने नाम किया है। इसके अलावा परिवार को समृद्ध किया है। उत्पादन ऐसा कि कृषि जगत से जुड़े अधिकारी और बड़े-बड़े किसान भी हैरान हैं। जिस परंपरागत खेती में नित-नए प्रयोग कर किसान महज प्रति एकड़ 15 से 20 हजार रुपये धान और गेहूं की खेती में कमा रहे हैं वहां पर किसान आलू की खेती कर लागत काटते हुए सवा लाख रुपये का सीधा मुनाफा मात्र 75 दिन में कमा रहे हैं। जानकारी के अनुसार किसान मृंत्युजय सिंह सोलंकी 20 एकड़ में जी-1 आलू की खेती कान्ट्रेक्ट फॉर्मिंग के तहत की है। इसमें किसान को सिर्फ खेती करना पड़ रही है। तकनीकी सलाह, तरीका कंपनी के लोग बता रहे हैं और फसल तैयार होने पर सीधे खेत से ही आलू क्रय कर रहे हैं। किसान ने बताया कि एक एकड़ में आलू की खेती में 45 से 50 हजार रुपये की लागत आई है। किसान ने आलू की खेती सी-ड्रिल पद्धति से की है, जिसमें पानी की बचत भी होती है।

 

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ऐसे हो रही बंपर पैदावार
किसान ने बताया कि एक एकड़ में 120 क्विंटल उत्पादन हो रहा है। 20 एकड़ में किसान को 2400 क्विंटल आलू की पैदावार हो रही है। 2 लाख 40 हजार किलोग्राम आलू का उत्पादन हो रहा है। इसमें से किसान से कंपनी द्वारा सीधे 10 रुपये 50 पैसे प्रतिकिलोग्राम के मान से क्रय कर रही है। इसमें किसान को कुल आमदनी 20 एकड़ में 25 लाख 20 हजार रुपये हो रही है। इसमें प्रति एकड़ किसान को लागत 50 हजार रुपये आई और सीधे तौर पर मुनाफा एक लाख 26 हजार प्रति एकड़ हो रही है। बता दें कि किसान ने 2018-19 में 10 एकड़ में आलू की खेती की थी। मुनाफा बेहतर मिलने पर इस साल 20 एकड़ में की है। इस साल और अधिक फसल अच्छी आने पर अगले वर्ष 40 एकड़ में आलू लगाने की योजना बनाई है।

 

Potato farming is making millions of rupees profit for the farmer
IMAGE CREDIT: balmeek pandey

मात्र 75 दिन की है फसल
किसान ने बताया कि आलू की खेती का सबसे बड़ा फायदा है कि यह बहुत ही कम दिनों में तैयार हो रही है। गेहूं, धान आदि की फसल 4 से 5 माह में होती है, लेकिन आलू मात्र 75 दिन में तैयार हो गया है। किसान ने कहा कि गेहंू और धान में की परंपरागत खेती में उन्हें मात्र 12 से 14 हजार रुपये प्रति एकड़ ही आमदनी हो रही थी, आलू और मक्का से बढ़े उत्पादन ने खेती में और ललक बढ़ा दी है।

Potato farming is making millions of rupees profit for the farmer
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मक्का की खेती में मिला अवार्ड
धान के साथ में किसान ने मक्का की खेती की। साढ़े तीन एकड़ में पाइनर स्वीटकॉर्न लगाया। किसान ने बताया कि इस फसल को लगाने में एक एकड़ में 10 हजार रुपये की लागत आई। इसमें दो लाख रुपये की मक्का बेंचा। साढ़े तीन माह में बगैर पानी, कम मेहनत के दो लाख रुपये से अधिक का मुनाफा हुआ। इसके लिए किसान को उन्नत कृषक अवार्ड से गणतंत्र दिवस में सम्मानित किया गया। कलेक्टर शशिभूषण सिंह ने गणतंत्र दिवस पर मृत्युंजय सिंह सोलंकी व पत्नी आशा सोलंकी को सम्मानित किया।

 

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खास-खास:
– किसान ने खरीफ में मक्का की खेती में अच्छा मुनाफा मिलने के बाद इसे रबी सीजन में अपनाया है। किसान ने चार एकड़ में स्वीटकॉन की फसल की बोवनी की है। मार्च-अप्रैल में उत्पादन शुरू हो जाएगा।
-किसान मृत्युंजय सिंह सोलंकी 100 एकड़ में कर रहे हैं खेती, पत्नी आशा सोलंकी व पुत्र रवींद्र सोलंकी कर रहे खेती में मदद, 50 वर्ष से से कर रहे खेती, परंपरांगत खेती से किया किनारा, विशेष फायदा नहीं मिलने पर बदला तरीका।
– कान्ट्रेक्ट फॉर्मिंग की ओर बढ़ाया हाथ, उद्यानिकी विभाग विभाग व कंपनी की मदद से आलू, मक्का की खेती से कमा रहे अच्छा खासा मुनाफा। कंपनी वालों ने जब इस खेती के बारे में बताया तो रीवा के किसान से क्रॉस वेरीफिकेशन करने के बाद किसान ने की खेती, जोखिम उठाया और अब मुनाफा कमा रहे हैं।

 

Potato farming is making millions of rupees profit for the farmer
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इस सोच ने बना दिया किसान
किसान ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि बचपन से ही खेती में लगाव था। पहले नौकरी का ख्याल आया, लेकिन फिर सोचा कि ऐसा काम किया जाए जिससे जीवन में स्वतंत्रता रहे। किसी का दबाव न हो और खेती शुरू की। खास बात यह है कि हर खेती के लिए उपकरण रखते हैं ताकि बेहतर तरीके से खेती की जा सके और आमदनी बेहतर हो। बता दें कि किसान क्षेत्र और जिले के किसानों को भी उन्नत खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं। 2019 में कॉन्ट्रेक्ट पोटेटो फॉर्मिंग सिर्फ 25 एकड़ में खेती हुई थी। किसान ने जिले के अन्य किसानों को और पे्ररित किया और इस साल 170 एकड़ में खेती हुई है। किसान ने बताया कि कृषि कार्य में पत्नी आशा सोलंकी कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। पूरा समय वे भी खेती में देती हैं। एमए, एलएलएलबी करने के बाद नौकरी न करके कृषि क्षेत्र में बेहतर आयाम स्थापित कर रही हैं।

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खेती से परिवार हुआ समृद्ध
किसान मृत्युंजय सिंह सोलंकी ने बताया कि 25 साल पहले पैतृक 30 एकड़ जमीन खेती में मिली थी। मुनाफा कमाकर अब 100 एकड़ जमीन तैयार कर ली है। खेती से ही बच्चों को शिक्षित किया है। बड़े बेटे को डॉक्टर बनाया है। डॉ. फणींद्र सिंह सोलंकी जो कि यूरोलॉजी में सुपर स्पेशलिस्ट (एचओडी) मेडिकल कॉलेज जबलपुर में हैं। छोटे पुत्र रवींद्र सिंह सोलंकी को ग्रेज्युट कराया जो पापा के साथ खेती में हाथ बंटा रहे हैं।

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