सौर ऊर्जा से रोशन होंगे 165 सरकारी दफ्तर व एक कस्बा
कोर्स की विशेषताएं
प्राचार्य डॉ. सुनील बाजपेयी ने बताया कि कोर्स की अवधि 90 घंटे तय की गई है। छात्रों को हाई-स्पीड इंटरनेट, कंप्यूटर, और इंटरएक्टिव पैनल जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। कोर्स का उद्देश्य छात्रों को एआई तकनीक में कुशल बनाना और रोजगार के नए अवसर प्रदान करना है। महाविद्यालय के प्राचार्य ने कहा, इस कोर्स से छात्र-छात्राओं को एआई तकनीक में दक्षता मिलेगी, जो रोजगार के क्षेत्र में अत्यधिक सहायक होगी। नोडल अधिकारी डॉ. अनिल तौहेल और सहायक नोडल अधिकारी सुनील कुमार त्रिपाठी ने बताया कि एआई एक उन्नत तकनीक है जो कंप्यूटर या रोबोटिक सिस्टम को मानव मस्तिष्क की तरह काम करने में सक्षम बनाती है। ई-कॉमर्स, स्ट्रीङ्क्षमग प्लेटफार्म, और सोशल मीडिया में इसका व्यापक उपयोग होता है। इस कोर्स से छात्र न केवल तकनीकी ज्ञान हासिल करेंगे बल्कि प्रतिस्पर्धी माहौल में रोजगार के नवीन अवसर भी पा सकेंगे।
छात्रों के लिए सुनहर अवसर
प्राचार्य ने कहा कि एआई और फिनटेक के क्षेत्र में कुशलता हासिल होगा। रोजगार के नए अवसर बनेंगे। छात्र-छात्राओं में डिजिटल और तकनीकी ज्ञान में बढ़ोत्तरी होगी। यह कोर्स छात्रों को आधुनिक तकनीकी युग में आत्मनिर्भर बनने और अपने करियर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक सिद्ध होगा। एआई एक उभरता हुआ क्षेत्र है और भविष्य में नौकरी के बाजार में इसका बहुत बड़ा योगदान होगा। एआई के माध्यम से बच्चे नए उपकरण, ऐप और रोबोट बनाने में रुचि दिखा सकते हैं। यह उनकी रचनात्मकता और समस्या-समाधान क्षमता को बढ़ाता है। एआई की पढ़ाई बच्चों को कोङ्क्षडग, डेटा एनालिसिस, मशीन लर्निंग और एल्गोरिदम जैसे तकनीकी विषयों में विशेषज्ञ बनाती है। एआई प्रोजेक्ट््स पर काम करने से बच्चों की समस्याओं को सुलझाने और तार्किक सोचने की क्षमता में सुधार होता है। एआई का ज्ञान बच्चों को स्मार्टफोन, वॉयस असिस्टेंट और अन्य एआई-आधारित उपकरणों का सही उपयोग करना सिखाता है। एआई प्रोजेक्ट््स के माध्यम से बच्चे वास्तविक दुनिया की समस्याओं को समझकर उनका समाधान खोज सकते हैं।