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इसलिए लेना पड़ रहा कर्ज
जानकारी के अनुसार डिस्कोप के बाद नगर निगम को 1412 फ्लैट बनवाने थे, इनमें से 500 बनाकर लोगों को अधिपत्य दे दिया गया है। शेष 900 से अधिक आवासों के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। रकम न होने से मकान आधे-अधूरे हैं। प्रेमनगर की मल्टी में विद्युतीकरण, सिविल वर्क, अधोसंरचना का काम कराने के लिए नगर निगम द्वारा नेशनल हाउसिंग बैंक से योजना को पूर्ण करने के लिए 10 करोड़ रुपए का ऋण लिया जा रहा है।
अंशदान से होगी भरपाई
इस योजना के तहत इडब्ल्यूएस मकान कमजोर आयवर्ग के लोगों को आवंटित किया जाना था। 20-20 हजार रुपए की डीडी 2017-18 में जमा करा ली गई थी, शेष एक लाख 20 हजार रुपए हितग्राही को आसान किश्तों में जमा करना था, लेकिन नगर निगम द्वारा एकमुश्त राशि 500 लोगों से जमा कराई गई है। अब शेष लोगों को भी आवंटन से पहले एकमुश्त राशि याने जमा कराई जाएगी। हितग्राहियों से मिले अंशदान से नगर निगम कर्ज चुकाएगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शेष बचे इडब्ल्यूएस के मकानों को पूर्ण कराने के लिए ऋण लिया जा रहा है। नेशनल हाउसिंग बैंक से 10 करोड़ रुपए का कर्ज लेने के लिए प्रक्रिया अपनाई जा रही है। मल्टी में विद्युतीकरण, सिविल वर्क, अधोसंरचना आदि के काम होंगे। हितग्राहियों से मिलने वाली अंशदान की राशि से कर्ज चुका दिया जाएगा।
नीलेश दुबे, आयुक्त नगर निगम।