विषय दर्ज उपस्थिति
हिंदी 204 174
अंग्रेजी 204 166
गणित 204 183 ओलंपियाड कक्षा 6-8 से तीन
विषय दर्ज उपस्थिति
हिंदी 307 290
अंग्रेजी 307 292
संस्कृत 307 299 यह है ओलंपियाड परीक्षा का उद्देश्य
सहायक जिला स्रोत समन्वयक सुवरण सिंह ने बताया कि जिला ओलंपियाड परीक्षा का मुख्य उद्देश्य छात्रों के शैक्षणिक और बौद्धिक विकास को बढ़ावा देना है। यह परीक्षा छात्रों में प्रतिस्पर्धात्मक भावना जागृत करने के साथ-साथ उनकी प्रतिभा को पहचानने और प्रोत्साहित करने का एक मंच प्रदान करती है। छात्रों की शैक्षणिक क्षमता और कौशल का मूल्यांकन करना, विषयों में उनकी गहन समझ और अवधारणाओं की स्पष्टता की पहचान करना, प्रतिस्पर्धात्मक भावना का विकास, छात्रों को स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का अनुभव कराना, बड़े स्तर पर राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय ओलंपियाड के लिए तैयारी का अवसर प्रदान करना है।
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यह भी मिलेगा फायदा
डीपीसी केके डहेरिया ने बताया कि इससे शिक्षण-सीखने की गुणवत्ता में सुधार, छात्रों और शिक्षकों को बेहतर शिक्षण और अधिगम तकनीकों के लिए प्रेरित करना, पाठ्यक्रम की गहराई और व्यावहारिक ज्ञान का परीक्षण करना, छात्रों को उनकी रुचि और क्षमता के अनुसार करियर विकल्पों की जानकारी देना, विशेष विषयों में रुचि रखने वाले छात्रों को प्रोत्साहित करना, नेतृत्व और नवाचार को प्रोत्साहन, छात्रों में नेतृत्व कौशल और नवाचार की भावना विकसित करना, प्रतिभाशाली छात्रों को समाज और देश के लिए योगदान देने के लिए प्रेरित करना है।
डीपीसी ने बताया कि पूर्व में यह परीक्षा 24 दिसंबर को आयोजित हुई थी। यह परीक्षा जन शिक्षा केंद्र स्तरीय थी। इस परीक्षा में कक्षा 2 से 3 तक के 7222 बच्चों में से 5783 ने पर्चा हल किया था। वहीं कक्षा 6 से 8 में 11 हजार 322 परीक्षार्थियों में से 10 हजार 557 बच्चों ने परीक्षा दी थी। इस परीक्षा में 3264 सफल हो पाए थे, जो अब जिला स्तरीय ओलम्यिाड में शामिल हुए हैं।
इतने बच्चे हो रहे परीक्षा में शामिल
सहायक स्रोत समन्वयक सुवरण सिंह ने बताया कि इस परीक्षा में बड़वारा से 576, बहोरीबंद से 576, ढीमरखेड़ा से 576, कटनी से 592, रीठी 448 व विजयराघवगढ़ से 576 छात्र-छात्रा शामिल हो रहे हैं। जिला स्तर की परीक्षा पास करने के बाद ये होनहार बच्चे राज्य स्तर पर एक्सपोजर विजिट में शामिल होंगे। इन्हें विजिट कराई जाएगी। विषयवार एक-एक बच्चे का चयन किया जाएगा।
बता दें कि इस परीक्षा को देने पहुंचे बच्चों को परीक्षा केंद्र पर भोजन की व्यवस्था कराई गई। केंद्र में खाने के पैकेट बांटे गए। इसके अलवा इस परीक्षा में शामिल होने वाले बच्चों के लिए बस की सुविधा प्रदान की गई। पहले बसें बच्चों को उनके स्कूल व घरों तक लेने गईं व परीक्षा के बाद घर छोडऩे गईं। वहीं दूसरी ओर अभिभावक भी बच्चों को स्वयं लेकर पहुंचे।