जगदंबा प्रसाद दीक्षित के साथ गई उनकी नातिन कुमारी शिवानी दीक्षित ने अपने मोबाइल से दोनो बच्चियों के साथ फोटो खिचवाई और शादी की तारीख तय करने के लिए अपने गांव बड़ारी बुलाया। जहां बबीता तिवारी दोनों बच्चियों की मां उसके साथ केशव प्रसाद मामा और दीपक भाई बनकर पहुंचे। शादी के पहले की रस्में की गईं। 29 नवंबर 2021 को शादी की तारीख तय की गई।
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आर्थिक स्थित खराब होने का हवाला देकर बबीता तिवारी, मामा केशव और भाई बने दीपक ने शादी के आयोजन में सहयोग के नाम पर कैमोर आकर 11 नवंबर को 60 हजार रुपए नगद लिए और इसके बाद 50 हजार रुपए बबीता तिवारी के सतना जिले के बैंक आफ बड़ोदा बैंक के खाते में जमा करा लिए। सहयोग के नाम रुपए देने के बावजूद दीक्षित परिवार शादी की तैयारियों में जुटा रहा। शादी के कार्ड छपवाकर सभी रिश्तेदारी और समाज में बांटे दिए गए। टेंट, मेरिज गार्डन, केटरिंग, घोड़ी और बैंड बाजा की एडवांस बुकिंग कर लगभग एक लाख रुपए दे दिए।
इस बीच बारात निकलने के एक दिन पहले 28 नवंबर को बबिता तिवारी ने मोबाइल पर दीक्षित परिवार को जानकारी दी कि, जेठ की मृत्यू हो जाने से शादी नहीं हो सकेगी। जिसके बाद दूसरे दिन दीक्षित परिवार उनके दुख में शामिल होने के लिए सतना पहुंचा तो पता चला कि जिस मकान में बबीता तिवारी से मुलाकात हुई थी वह मकान किराए का था, जिसे बबिता तिवारी ने खाली कर दिया। दीक्षित परिवार को ये भी पता चला कि बबिता तिवारी की लड़कियां भी नहीं है। दीक्षित परिवार ने खोजबीन शुरु की तो उन्हें सतना में ही बबिता तिवारी और उसके गिरोह का शिकार एक अन्य ब्राम्हण परिवार भी मिला।
उमरिया जिले के अमरपुर निवासी राकेश पाठक और धनवाली निवासी रमाकांत उपाध्याय ने उन्हें बताया कि, 29 नवंबर के लिए बबिता तिवारी ने अपनी बेटी शिवानी तिवारी की शादी उनके भााई रामकिशोर उपाध्याय के बेटे विनोद से तय की थी। साथ ही 86 हजार रुपए नकद और 30 हजार रुपए बैंक खाते में जमा कराए थे। इस जानकारी के बाद दोनों परिवार को अपने साथ शादी का प्रलोभन के नाम ठगी होने की बात पता चली। शादी के नाम हुई धोखाधड़ी की शिकायत जगदम्बा प्रसाद दीक्षित ने कैमोर पुलिस से की।
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पुलिस ने बताया कि बबिता तिवारी, केशव प्रसाद साकेत, अरुण कुमार तिवारी और मनसुख रैकवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस ने बताया कि बबिता तिवारी का भाई बनकर नेंग दस्तूर करने वाला मामा केशव प्रसाद ब्राम्हण नहीं है, उसका असली नाम केशव प्रसाद साकेत पिता रामसंजीवन साकेत निवासी करकोठी गांव थाना सभापुर जिला सतना है। विवाह के लिए दिखाई गई लड़कियों का भाई बनकर आने वाला दीपक भी ब्राम्हण नहीं है, उसका असली नाम दीपक चैधरी पिता शिवराम चैधरी निवासी बर्ती गांव थाना रामपुर बघेलान जिला सतना है। विवाह के लिए स्वय का नेंग दस्तूर करने वाली बच्चियां साधना तिवारी पिता रमेश तिवारी निवासी टिकुरी गांव थाना कोटर जिला सतना और शिवानी त्रिपाठी पिता राकेश त्रिपाठी निवासी टिकुरी गांव थाना कोटर जिला सतना हैं।
पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार जैन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनोज केडिया के दिशा निर्देश तथा विजयराघवगढ़ एसडीओपी के मार्गदर्शन में कैमोर थाना प्रभारी अरविंद जैन, कार्यवाहक प्रधान आरक्षक प्रेम शंकर पटेल, आरक्षक सनिल स्वर्णकार, वाहन चालक प्रधान आरक्षक चंद्रभान विश्वकर्मा, महिला आरक्षक भावना तिवारी की भूमिका रही। पुलिस अधीक्षक ने पुलिस टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है।
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