सोमवार शाम को दोनों शावकों का रेस्क्यू किया गया है। विशेषज्ञों की निगरानी में शावकों को रखकर अब उनकी बाघिन मां के वहां आने का इंतजार किया जा रहा है। टीम का मानना है कि, बाघिन अपने दोनों शावकों को वहां लेने आएगी।
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ग्रामीणों ने कहा-रात में सुनी थी दहाड़
झिरिया गांव में किसान रामनरेश साहू के पड़ोस में रहने वाली एक महिला ने बताया कि, उन्होंने रात में बाघिन की दहाड़ सुनी है। इस बीच वन विभाग द्वारा शावकों की सुरक्षा के लिए तैनात कर्मचारियों की टीम फिलहाल इस बारे में कुछ भी बताने से परहेज कर रही है।
बाघिन की सर्चिंग की तैयारी
सोमवार को जबलपुर से एपीसीसीएफ और कटनी डीएफओ सहित वन विभाग के दूसरे अधिकारी झिरिया गांव पहुंचे। आसपास के जंगल में बाघिन का पता लगाने के लिए सर्चिंग की तैयारियों पर चर्चा की। टीम इस बात की भी तस्दीक की जा रही है कि, बाघिन मां स्वस्थ और सुरक्षित है या नहीं?
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अब भी विशेषज्ञ बनाए हुए शावकों पर नजर
इस पूरे मामले को लेकर पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ भोपाल आलोक कुमार बताते हैं कि, शावकों की सुरक्षा के लिए टीम तैनात की गई है। हम अभी और इंतजार करेंगे कि, बाघिन अपने दोनों शावकों को साथ ले जाए। दोनों शावक विशेषज्ञों की निगरानी में है।