खेत जाना छोड़ा, घरों में दुबके लोग
बस्ती के अंदर दिन में हुई बाघ की दस्तक से ग्रामीण दहशत में है। सुबह से ही ग्रामीण इस घटना से डरे हुए है और देरशाम तक ग्रामीण अपने खेतों को नहीं गए। गांव के अंदर भी ग्रामीण एकत्रित होकर ही यहां-वहां जा रहे है, जिससे बाघ के अचानक हमला करने से अपने आपको बचाया जा सके। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिनों पूर्व भी बाघ ने मोहनङ्क्षसह गौड़ के मवेशी का शिकार किया था।
जाजागढ बांधवगढ़ नेशनल पार्क बफर जोन एरिया से लगा है जिसके चलते यहां पर जंगली जानवरों का मूवमेंट हमेशा बना रहता है बावजूद यहां पर बनी वन चौकी में ताला लटका रहता है। वन्य प्राणियों की सुरक्षा भगवान भरोसे चल रही है। ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर वर्षों से ताला लटका है। बफरजोन वन विभाग के कोई भी आला अधिकारी कभी भी दिखाई नही देते।
वनविभाग का क्षेत्र नहीं, बफरजोन के अफसर बने लापरवाह
ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में लगातार बाघ के चहलकदमी होने के बावजूद यहां वनविभाग का अमला सक्रिय नहीं है। जिले के वनविभाग के अधिकारी जाजागढ़ को खुद का क्षेत्र न होने का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारी से बचते है तो वहीं बफरजोन के अफसरों को सीमा पर बसे इस गांव से ज्यादा सरोकार नहीं है। ऐसी स्थिति में ग्रामीणों के साथ बड़ी घटना होने का अंदेशा बना हुआ है।
बांधवगढ़ बफरजोन में बाघ के मूवमेंट की जानकारी मिली है। एक मवेशी का शिकार बाघ ने किया है। जाजागढ़ बफरजोन एरिया में आता है, जिसके चलते हमारी टीम मौके पर नहीं गई। इस संबंध में अधिक जानकारी बफरजोन के अधिकारी ही दे सकते हैं।
गोविंद नारायण शुक्ला, रेंजर, बरही