नगर निगम द्वारा इ-रिक्शा फॉगिंग मशीनें कितने रुपए से खरीदी गई हैं, किसी को जानकारी नहीं है। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों का कहना है कि पुराने आयुक्त विनोद शुक्ला के समय पर टेंडर हुआ था, अभी उनको पता ही नहीं है। फाइल देखने के बाद ही बता पाएंगे। स्टोर कीपर आदित्य मिश्रा का कहना है कि छह माह पुरानी फाइल है, इसलिए बता पाना मुश्किल हो रहा है कि कितने रुपए की हैं। स्टोर विभाग के कर्मचारी भी कुछ नहीं बता पा रहे हैं।
नगर निगम द्वारा पूर्व के वर्षों में आधा दर्जन से अधिक हैंडमेड मशीन खरीदी गई हैं। जिनका उपयोग दो पहिया वाहन या फिर लोडर वाहन में रखकर किया जाता रहा है। अब ये सभी मशीनें परिसर के स्टोर में कबाड़ की तरह पड़ी हैं। ये मशीनें क्यों नहीं चल रहीं, इनसे शहर के वार्डों में मच्छरों को मारने के लिए फॉगिंग क्यों नहीं कराई जा रही, यह कोई नहीं बता पा रहा। नगर निगम के अधिकारियों का यही कहना है कि पुराने मशीनें कई साल से चली हीं नहीं, तो कंडम हो गई हैं।
फिजूलखर्ची पर नहीं लगाम
नगर निगम द्वारा नई सामग्री खरीदी पर ज्यादा जोर दिया जाता है। एक साल पहले लाखों रुपए की लागत वाली रोड स्वीपिंग मशीन खरीदी गईं, लेकिन उसका अता-पता नहीं है। इसी प्रकार यूरिनल बॉक्स पुरानी आइटीआई में शोपीस पड़े हैं। इसके अलावा कई मशीनें खरीदी गईं, जो काम करती नहीं दिख रहीं। इसी प्रकार अब मच्छर मारने के लिए नए छह वाहन फॉगिंग मशीन युक्त खरीदे गए हैं। हैरानी की बात तो यह है कि नगरीय प्रशासन विभाग ने फिजूलखर्ची पर रोक, नगरीय निकायों को आय बढ़ाने कहा है, लेकिन यहां पर एकदम उलट हो रहा है।
नगर निगम की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। कुछ माह पहले अधिकारी-कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़ गए थे। कर्मचारियों को प्रदर्शन तक करना पड़ा था। हालात यहां तक आ बने हैं कि नगर निगम की जमा पूंजी एफडी को तोड़ा जा रहा है। 35 करोड़ रुपए से अधिक की एफडी तोड़ी जा चुकी हैं। वहीं दूसरी ओर एक सप्ताह से अधिक समय से आकर वाहन रखे हैं, लेकिन चलना शुरू नहीं हुए, जबकि वर्तमान में शहर में डेंगू और मलेरिया का प्रकोप देखा जा रहा है।
नगर निगम द्वारा कुल छह इ-रिक्शा फॉगिंग मशीनें खरीदी गई हैं। ठेकेदार के द्वारा चार मशीनें नगर निगम को भेज दी गई हैं। दो मशीनें मय वाहन के आना शेष हैं, जिनका अधिकारी-कर्मचारी इंतजार कर रहे हैं।
नगर निगम द्वारा छह इ-रिक्शा चलित फॉगिंग मशीनें खरीदी गईं हैं। स्टोर से टेंडर प्रक्रिया कराते हुए खरीदी कराई गई है। चार मशीनें मय वाहन के आ चुकी है। दो का आना शेष है। सत्यापन प्रक्रिया के बाद विधिवत संचालन शुरू होगा। शहर के 45 वार्डों में मच्छरों को खत्म करने पहल की जाएगी।
संजय सोनी, स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम।