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यह बन रही समस्या
कटनी जंक्शन से बिलासपुर, सतना की ओर सभी प्लेटफॉर्मों से कनेक्टिविटी न होने के कारण समस्या हो रही है। क्योंकि क्रॉस मूमेंट न मिलने के कारण प्लेटफॉर्म खाली रहने के बाद भी ट्रेनों का ठहराव नहीं हो पा रहा। बता दें कि बिना की ओर से आकर सतना के लिए जाने वाली ट्रेनें सिर्फ दो और तीन नंबर प्लेटफॉर्म पर ही आ पाती है। चार और पांच में जाने के लिए ट्रैक ही नहीं है। इसी प्रकार बिलासपुर की ओर से आने वाली ट्रेनों का है। वह ट्रेनें दो नंबर प्लेटफॉर्म पर नहीं आ पातीं। सतना की ओर से आने वाली ट्रेनों का भी यही हाल है।
खास-खास:
– ट्रेनों के ठहराव के लिए जंक्शन में बनाए गए हैं 6 प्लेटफॉर्म।
– प्रतिदिन कटनी जंक्शन से 12 से 15 हजार यात्री करते हैं सफर।
– रेलवे के प्रतिदिन 15 से 20 लाख रुपये की प्राप्त होती है आय।
– जंक्शन में प्रतिदिन होम सिग्नल व आउटर पर पिटती हैं 15 ट्रेनें।
ढाई घंटे में तय नहीं कर सात किलोमीटर की दूरी
ट्रेनों की रफ्तार कहें या फिर अधिकारियों की बेपरवाही कि ट्रेनें ढाई घंटे में यात्रियों को सात किलोमीटर का सफर पूरा करा पा रहीं हैं। सोमवार को ही चिरमिरी-कटनी पैसेंजर यात्रा करने वाले यात्री भीषण गर्मी में परेशान हुए। सुबह 10.40 पर झलवारा स्टेशन में यह ट्रेन पहुंच गई थी। ढाई घंटे बाद 1.56 पर कटनी स्टेशन पर पहुंची। आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि इन दिनों रेल यात्रियों का सफर कितना कष्टप्रद है।
इनका कहना है
कटनी जंक्शन में ट्रैक के मूमेंट को लेकर क्या समस्या है यह अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। यात्री ट्रेनों के आवागमन में परेशान न हो इस दिशा में प्रयास किए जाएंगे।
प्रियंका दीक्षित, सीपीआरओ पमरे।