उन्होंने बताया कि रेत की समस्या सबके लिए है। कटनी में ही रेत निकल रही है और यहीं के रहवासियों को मंहगी रेत मिल रही है। जो रेत दूसरे जिले में 12 सौ रूपये में दी जा रही है वही रेत कटनी के रहवासियों को 18 सौ रूपये में दी जाती है। दूसरी ओर खनन के दौरान कई स्थानों पर गड्ढे हो गए हैं। इससे नदी में पानी के बहाव पर असर पड़ा है। कई गांव में नदी सूखने की कगार पर पहुंंच गई है।
जाहिर इससे मवेशियों को पीने के लिए पानी नहीं मिलेगा और वे प्यासे ही बेमौत मरेंगे। सीमा से बाहर रेत खनन हो रहा है। वैध के साथ रेत के अवैध खनन का सिलसिला भी चल रहा है। सोमवार को मीडिया से चर्चा के दौरान कांग्रेस पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष प्रियदर्शन गौर, अरविंद बडग़ैया, मनोज गुप्ता व अन्य ने कहा कि रेत खनन के दौरान एनजीटी के नियमों का पालन नहीं हो रहा है।
रेत के मुद्दे में विरोध के दौरान नदारत रहे वरिष्ठ कांग्रेसी
जिला मुख्यालय में सोमवार को रेत के मुद्दे पर मीडिया से चर्चा के दौरान जिले के कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं का मंच से नदारत रहना भी चर्चा का विषय रहा। लोगों ने कहा कि रेत के मुद्दे पर कांग्रेस के चर्चित नेताओं का नदारत रहना भाजपा के कुछ नेताओं की बी टीम की तरह काम करने की ओर इशारा करती है।