सेना से रिटायर्ड कैप्टन टुण्डाराम, कैप्टन समय सिंह गुर्जर, कैप्टन हरस्वरूप, सूबेदार शिवचरण, सूबेदार प्रेमसिंह, हवलदार बहादुरसिंह, हवलदार किरोड़ी, हवलदार निहाल सिंह ने बताया कि जरूरत पडऩे पर हम आज भी तैयार दिखेंगे। पूर्व सैनिक भले उम्रदराज हो गए हैं, लेकिन इनका जज्बा आज भी कम नहीं हुआ है। वह बोले दुश्मन के दांत खट्टे करने में उनके हौसले कम नहीं हुए। आवाज पड़ी तो सीमा पर जा पहुंचेंगे।
पांच पीढिय़ों से सेना में गंगाधर का परिवार –
द्वितीय विश्व युद्ध के सैनिक निसूरा निवासी हवलदार गंगाधर के परिवार की पांच पीढियां सेना में है। उनके तीनों बेटे फौज में भर्ती हुए। बड़े बेटा कैप्टन किरोड़ी ने 1971 के युद्ध में भाग लिया। दूसरे बेटे सूबेदार हरवीर व छोटा बेटा हवलदार भूरसिंह सेना में रहे। तीसरी पीढ़ी में कैप्टन किरोड़ी का पुत्र सूबेदार रामअवतार, हरवीर के दो पुत्र हवलदार रमेश व नायक बाबू गुर्जर एवं भूरसिंह का एक पुत्र महेंद्र सेना में सेवा दे रहे हैं। चौथी पीढ़ी में रमेश का बड़ा बेटा विष्णु गुर्जर व बाबू का बेटा गोविंद सेना में सीमा पर तैनात हैं। वहीं निसूरा गांव के ही हवलदार चिम्मन के पुत्र रामेश्वर, दूसरा बेटा कैप्टन सिरमौर व तीसरा बेटे हवलदार रामनिवास ने भी 1971 के युद्ध में भाग लिया। तीसरी पीढ़ी में कैप्टन सिरमोर का पुत्र नटवर व रामेश्वर का पुत्र चंद्रभान सेना में भर्ती हुए।