सरकार की इस भेदभाव पूर्ण नीति से शिक्षकों में रोष व्याप्त हो गया है। पूर्व में भी नई सरकार के गठन के बाद अन्य सभी विभागों में स्थानांतरण से प्रतिबंध हटाकर दो बार स्थानांतरण किए गए, लेकिन उस समय भी शिक्षा विभाग की उपेक्षा की गई है। शिक्षा विभाग राज्य का सबसे बड़ा विभाग होते हुए भी लगातार शिक्षकों की अनदेखी की जा रही है।
प्रदेश सरकार के इस निर्णय से शिक्षा विभाग में सरकार के प्रति भारी आक्रोश व्याप्त हो गया है। जिला शाखा के पदाधिकारियों द्वारा जिला मुयालय पर ज्ञापन देकर सरकार से अविलंब शिक्षा विभाग में अधिकारियों से लेकर सभी संवर्गों के स्थानांतरण करने की मांग की गई है। संघ की ओर से बताया है कि लोकसभा चुनाव से पूर्व तथा बाद में शिक्षा विभाग को छोड़कर अन्य सभी विभागों में स्थानांतरण किए गए परन्तु शिक्षा विभाग में स्थानांतरण नहीं किए।
ज्ञापन में बताया है कि यदि सरकार ने मांग पूरी नहीं की तो सरकार को शिक्षकों के आक्रोश का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान जिला महामंत्री गिरधारी लाल नामा, नरेन्द्र सिंह, समय सिंह, मुखराज मीना, बत्ती लाल, गणपत, कुष्णाकुमार शर्मा, राधे श्याम, गजानंद वर्मा आदि मौजूद रहे।