आपको बता दें कि जिले की 590 ग्राम पंचायतों में सदस्य के 7446 पद हैं। इनमें से महज 5045 पदों के लिए ही नामांकन हुए हैं। इसके चलते 175 ग्राम पंचायतों में दो तिहाई सदस्य का कोरम पूरा नहीं हो सका है। नियमानुसार कोरम पूरा हुए बगैर प्रधान विकास कार्य नहीं करा सकते हैं। दरअसल जिस ग्राम पंचायत में 11 वार्ड हैं, वहां कम से कम आठ, अगर 13 वार्ड हैं तो नौ और 15 वार्ड हैं तो कम से कम 10 सदस्य अनिवार्य होते हैं। इस बार सदस्यों के 2401 पदों पर नामांकन ही नहीं हुआ है। फिलहाल इतनी बड़ी संख्या में सदस्यों का चुनाव न होना प्रधानों के लिए मुसीबत बन जाएगा। देखा जाए तो हर ग्राम पंचायत में छह समितियां होती हैं। प्रत्येक समिति में एक-एक ग्राम पंचायत सदस्य शामिल होते हैं। इनकी सहमति और हस्ताक्षर से ही विकास कार्यों की रूपरेखा तैयार होती है।
जिला पंचायतीराज अधिकारी कमल किशोर ने बताया कि जिन ग्राम पंचायतों में सदस्यों की संख्या कम है, वहां दो माह बाद फिर से चुनाव कराना होगा। सदस्यों का कोरम पूरा होने पर ही ग्राम पंचायत को पूर्ण माना जाएगा। इसके बाद 175 ग्राम प्रधानों का शपथ ग्रहण होगा। जिसके बाद वे विकास कार्य करा सकेंगे।