जस्टिस राजीव गुप्ता और जस्टिस सुरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने इस मामले में फैसला सुनाया। सुनवाई समाप्त होने के बाद अदालत ने 8 नवंबर को निर्णय सुरक्षित रखा था। इसी साल 7 जून को कानपुर की विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी सहित कई अन्य लोगों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी।
इस मामले में दोषी ठहराए गए थे सोलंकी
विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी को सात साल की सजा सुनाई गई थी। सोलंकी भाइयों को एक महिला के घर में आग लगाने के आरोप में दोषी ठहराते हुए यह सजा सुनाई गई थी। सजा के चलते इरफान सोलंकी की विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई थी। उन्होंने ट्रायल कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की थी। अपील में अदालत का अंतिम फैसला आने तक ट्रायल कोर्ट के फैसले पर रोक लगाए जाने और जमानत दिए जाने की गुहार लगाई गई थी।पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने भी
इलाहाबाद हाईकोर्ट को इस मामले की सुनवाई 10 दिनों के भीतर पूरी कर फैसला सुनाने का निर्देश दिया था। इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने भी हाईकोर्ट में एक सरकारी अपील दायर की थी।
यूपी सरकार ने डाली थी ये अर्जी
इरफान सोलंकी की अपील में उनकी सजा को रद्द करने की मांग की गई थी, जबकि
उत्तर प्रदेश सरकार की अपील में 7 साल की सजा को बढ़ाकर उम्रकैद में बदलने की अर्जी दी गई थी। हालांकि, अदालत ने सरकार की इस मांग पर सजा बढ़ाने का कोई निर्णय नहीं दिया। जमानत मिलने के बावजूद इरफान सोलंकी फिलहाल जेल से रिहा नहीं हो सकेंगे।
नसीम सोलंकी ने कोर्ट के फैसले पर जाहिर की खुशी
सीसामऊ विधानसभा से सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने बेल मिलने पर कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि आज पूरा परिवार बहुत खुश है साथ ही विधानसभा की जनता को भी इससे खुशी है। वोटिंग पर इस पर क्या असर पड़ेगा ये पूछने पर उन्होंने बताया कि इसका अच्छा असर पड़ेगा, मेरी जनता जान रही है कि विधायक जी बेकसूर हैं।