मरीजों के इलाज में होगी आसानी सर्दियों में दिमाग और दिल की धमनियों में खून का थक्का जमने, ब्रेन स्ट्रोक, बेन हेमरेज व हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। इस समस्या को देखते हुए मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने पहल करते हुए हृदय रोग संस्थान के निदेशक से बातचीत कर उनकी सहमति पर हैलट में कार्डियक-न्यूरो एनेस्थेसियोलॉजी आइसीयू बनाने का निर्णय लिया है। मरीजों में खून का धक्का जमने से शरीर में सही तरीके से रक्त संचार नहीं हो पाता। इस कारण दिल और दिमाग को भी पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता। दिल और दिमाग की धमनियां क्षतिग्रस्त होने लगती हैं और अंत में मरीज की मौत हो जाती है। इसका एक कारण इलाज व तकनीक का अभाव भी है। इस समस्या से पीडि़तों को छह घंटे के अंदर ऐसी सुविधा से लैस अस्पताल में पहुंचाने और समय से इलाज मुहैया कराने के लिए कानपुर में पहला कार्डियक-न्यूरो एनेस्थेसियोलॉजी आइसीयू तैयार किया जा रहा है। यहां 10 बेड का कार्डियक-न्यूरो एनेस्थेसियोलॉजी आइसीयू बनाया जाएगा। इसमें ब्रेन स्ट्रोक, ब्रेन हैमरेज, हार्ट अटैक व दिल की धमनियों में खून का थक्का जमने वाले मरीजों का इलाज होगा।
अत्याधुनिक मशीनों का होगा इस्तेमाल जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, प्रोफेसर आरबी कमल ने कहा कि असप्ताल परिसर में सीटी स्कैन और एमआर मशीन लगाने की अनुमति मिल चुकी है अत्याधुनिक उपकरण भी मंगवाए जा रहे हैं। दिल और दिमाग की मॉनीटरिंग के लिए हर प्रकार के उपकरण मंगाए जाएंगे, जिससे ऐसे मरीजों के आते ही उन्हें तत्काल इलाज मुहैया कराकर जान बचाई जा सके।