कन्नौज स्थित इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर से 27 दिसंबर को 23 किलो सोना बरामद हुआ था। काफी तादाद में सोने पर विदेशी मुहर लगी थी। सोना बरामदगी के मामले में 16 मार्च को डीआरआई ने पीयूष जैन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।16 मई से पहले पीयूष जैन के मामले में आरोप पत्र दाखिल करना था। विशेष लोक अभियोजक अम्बरीश टंडन ने बताया कि प्रिंसिपल एडिशनल डायरेक्टर जनरल डीआरआई लखनऊ आलोक चोपड़ा से स्वीकृत 430 पन्ने की चार्जशीट वरिष्ठ असूचना अधिकारी संतोष तिवारी ने दाखिल की है। धारा 135 कस्टम एक्ट में चार्जशीट दखिल करने से पहले कारण बताओ नोटिस भी पीयूष को दिया गया है। पीयूष के बदलते बयानों के लेकर डीआरआई ने माना कि सोना विदेशों से तस्करी करके लाया गया है। इसलिए उसका कोई ब्योरा नहीं दिया गया। पीयूष ने पहले सोना पुश्तैनी बताया, लेकिन फिर उसे बाहरी व्यक्ति से खरीदनी की बात कही। फिर भी वह कोई दस्तावेज नहीं दिखा सका है। पीयूष के मुताबिक सोना नकद खरीदा गया।
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सामने आया बुलडोजर तो फूट-फूट कर रोया परिवार, कहा- हम तो बीजेपी को देते हैं वोट रिमोट से खुलने वाले तहखाना में छिपा था सोना पीयूष ने पूरी सुनियोजित योजना के तहत सोने को बंकरनुमा तहखाने में छिपाकर रखा था। जिसे बाहर से कोई भी तहखाने को पहचान न सके। तहखाने का गेट रिमोट से खुलता था। बिना रिमोर्ट का बटन दबाएं उसमे कोई प्रवेश नहीं कर सकता था। सोना छिपाने की तरकीब का जिक्र डीआरआई ने चार्जशीट में किया है। पूछताछ और कोर्ट में पीयूष सोने के बारे में सही से बता नहीं पा रहा है।
जांच में 99.81 फीसदी शुद्ध सोना जांच टीम के 23 किलो सोना बरामद होने के बावजूद पीयूष जैन ने इसे आयकर रिटर्न में नहीं दिखाया। जब डीआरआई की टीम ने पीयूष जैन के आईटीआर खंगाले तो उनके होश उड़ गए। सोना का कोई जिक्र ही नहीं है। डीआरआई ने जब सेंट्रल रेवेंन्यू कंट्रोल लैबोरटी से सोने की जांच कराई तो वह 99.81 फीसदी शुद्ध निकला है। फिलहाल बरामद 23 किलो सोने के मामले में पीयूष जैन को 25 मई तक जेल में ही रहना होगा। पीयूष जैन के अधिवक्ता चिन्मय पाठक ने बताया कि 25 मई तक रिमांड बढ़ा दी गई है। विवेचना प्रचलित होने की बात करके डीआरआई ने रिमांड बढ़ाने की मांग की थी।